पूरी NCP और चुनाव चिह्न पर अजित पवार की नजर! 54 में से 40 MLAs साथ, क्या अगले ‘उद्धव’ होंगे शरद पवार?

अजित पवार (Ajit Pawar) ने रविवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के साथ ही शिवसेना (Shiv Sena) से बगावत के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नक्शेकदम पर पूरी तरह से चलना शुरू कर दिया है. अजित पवार ने राज्यपाल रमेश बैस को अपने समर्थक 40 एनसीपी विधायकों की सूची सौंपी है. विधानसभा में एनसीपी (NCP) के कुल 54 विधायक हैं. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक अजित पवार जल्द ही एनसीपी पार्टी के नाम और चुनाव निशान को हासिल के लिए चुनाव आयोग के सामने अर्जी पेश कर सकते हैं. इससे पहले अपने राजनीतिक गुरु और चाचा शरद पवार को एक बड़ा झटका देते हुए एनसीपी के अजीत पवार शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए.

अजित पवार (63 वर्ष) ने एनसीपी के आठ दूसरे दिग्गज विधायकों के साथ राजभवन में शपथ ली. इनमें पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के लंबे समय तक सहयोगी रहे दिग्गज नेता दिलीप वाल्से पाटिल, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और हसन मुश्रीफ भी शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए अजित पवार का गेमप्लान एक साल से चल रहा है. अब अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के पैटर्न को अपनाते हुए दावा किया है कि वह असली एनसीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें पार्टी के ‘सभी’ लोगों का समर्थन हासिल है. जबकि उनके चाचा शरद पवार ने उनके काम को बगावत के बजाय ‘डकैती’ करार दिया और वापसी करने की कसम खाई.

सुप्रिया सुले का कद बढ़ना अजित के लिए झटका
ये साफ है कि पार्टी में दरकिनार किए जाने पर अजित पवार की नाराजगी कोई रहस्य नहीं थी. मगर पिछले कुछ महीनों में इससे जुड़ी कई चीजें सामने आईं. मई के पहले हफ्ते में शरद पवार ने पहली बार पार्टी अध्यक्ष पद से आश्चर्यजनक ढंग से अपना इस्तीफा दे दिया. जाहिर तौर पर ये कदम आंतरिक कलह को शांत करने के लिए था. पार्टी में विद्रोह अजित पवार के नेतृत्व में पनप रहा था. बाद में अपना इस्तीफा वापस लेने के बाद शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया और इस तरह अजित को एक नया झटका दिया गया.

अजीत पवार एक साल से बना रहे थे रणनीति
सूत्रों ने बताया कि अजीत एक साल से अपने चाचा और चचेरी बहन सुप्रिया को टक्कर देने की रणनीति बना रहे थे. वास्तव में जब शरद पवार ने मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में अपने इस्तीफे की घोषणा की, तो अजित पवार साफ तौर से कहने वाले एकमात्र एनसीपी नेता थे कि नए नेतृत्व के लिए रास्ता बनाने के लिए इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाना चाहिए. जबकि उस समय पार्टी के दूसरे सभी नेता शरद पवार से इस्तीफा न देने के लिए विनती कर रहे थे. पिछले महीने पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर अजित पवार ने शरद पवार से उन्हें विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से मुक्त करने और इसके बजाय उन्हें एक संगठनात्मक कार्य सौंपने के लिए कहा था. उसी भाषण में उन्होंने महाराष्ट्र में अपने दम पर सरकार बनाने में पार्टी की विफलता को लेकर एनसीपी नेतृत्व पर परोक्ष हमला बोला था.

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *