पीएम-किसान का 20 फीसदी बजट बचे रहने की संभावना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल देश के किसानों को एक बड़ी सौगात के रूप में पीएम-किसान की अति महत्वकांक्षी योजना शुरू की थी, लेकिन केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में इस योजना की पूरी राशि खर्च होने की संभावना कम है। एक अनुमान के तौर पर 20 फीसदी बजट चालू वित्त वर्ष में बचा रह जाएगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में आवंटित 75,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जिसमें से अब तक 50,000 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं हुए हैं।

योजना के कार्यान्वयन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि एक अनुमान के तौर वित्त वर्ष के आखिर तक तकरीबन 60,000 करोड़ रुपये तक की राशि खर्च हो सकती है। इस प्रकार 15,000 करोड़ रुपये यानी कुल बजट का तकरीबन 20 फीसदी राशि बिना खर्च किए बची रह सकती है।

दरअसल, सरकार का अनुमान था कि देश के करीब 14.5 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा, जबकि अब तक इस योजना के तहत करीब 9.5 करोड़ किसानों ने पंजीकरण करवाया है, जबकि योजना का लाभ तकरीबन 8.6 करोड़ किसानों को मिला है।

अधिकारी बताते हैं कि किसानों के जमीन के रिकॉर्ड की जानकारी राज्यों के पास है और राज्यों की स्वीकृति के बाद ही किसान इस योजना का लाभ उठा पाते हैं।

उधर, पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब तक पीएम-किसान योजना को अपने राज्य में स्वीकृति नहीं दी है, जिसके चलते पश्चिम बंगाल के तकरीबन 68 लाख किसान इस योजना के लाभ से वंचित हैं। आरंभ में कुछ अन्य राज्यों की सरकारों ने भी इस योजना में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, जिससे शुरुआती दौर में उन राज्यों के अनेक किसानों को इस योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ा।

पीएम-किसान योजना के लिए शतप्रतिशत फंड केंद्र सरकार देती है और इसके तहत लाभार्थी किसानों को सालाना 6,000 रुपये की राशि तीन समान किस्तों में दी जाती है। इस योजना के प्रत्येक लाभार्थी किसान को एक किस्त में 2,000 रुपये दी जाती है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत पिछले साल फरवरी में हुई थी, लेकिन किसानों को योजना का लाभ एक दिसंबर, 2018 से ही मिल रहा है और योजना की किस्त पिछले साल मार्च से ही सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में हस्तांरित की जा रही है।

अधिकारी ने बताया कि जैसे-जैसे किसान इस योजना जुड़ रहे हैं और उनकी पात्रता की वैधता की पुष्टि हो रही है, उनके बैंक खाते में सीधे योजना की राशि का हस्तांतरण हो रहा है।

केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत किसानों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए किसान सम्मान निधि पोर्टल शुरू किए जाने के बाद किसानों के पंजीकरण की रफ्तार में तेजी आई है। पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 17 जनवरी, 2020 तक 9,46,06,054 किसानों का पंजीकरण हुआ है।

प्रधानमंत्री ने इसी महीने दो जनवरी को कर्नाटक के तुमकुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तीसरी किस्त के रूप में देश के करीब 6,000 किसानों के बैंक खाते में करीब 12,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी।

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