विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार है, बशर्ते पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे कि यह ‘सभ्य’ तरीके से होगी, हमारे सिर पर बंदूक तानकर नहीं।’ मिंट एशिया लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह बात कही। इस सम्मेलन में लगभग 400 शिष्टमंडलों ने हिस्सा लिया। विदेश मंत्री छह से दस सितंबर तक सिंगापुर के दौरे पर हैं । जम्मू कश्मीर से पांच अगस्त को विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच विदेश मंत्री का यह बयान आया है ।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बात करने की जरूरत है, तो यह भारत और पाकिस्तान के बीच है। पाकिस्तान की ओर से पैदा सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘लेकिन यह बातचीत मेरे सिर पर बंदूक ताने बिना की जानी चाहिए।’
पाकिस्तान में 40 अलग अलग आतंकवादी समूहों की उपस्थिति की प्रधानमंत्री इमरान खान की स्वीकारोक्ति को रेखांकित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘हम इस बारे में बातचीत के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि आप दो सभ्य पड़ोसियों की तरह बातचीत करें।’ अमेरिका के साथ व्यापार मसले के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि समस्याओं से उन्हें परेशानी नहीं होती है ।
हालांकि, व्यापार भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, हाल के महीनों में बाजार पहुंच और शुल्कों में वृद्धि हुई है, जिसके कारण एक लंबा विवाद छिड़ने की आशंका है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जून में भारत को दी जाने वाली तरजीही व्यापार की स्थिति को यह कहते हुए समाप्त कर दिया कि भारत अमेरिका को अपने बाजारों में ”समान और न्यायसंगत” पहुंच का आश्वासन देने में विफल रहा है।
जयशंकर ने कहा, वास्तविकता यह है कि अगर आप किसी देश के साथ व्यापार करते हैं तो आपके बीच व्यापारिक मसले होंगे ही। सवाल यह है कि इन मुद्दों का समाधान कैसे किया जाए। मुझे सच में लगता है कि उनमें से अधिकतर समाधान के योग्य हैं।