पाकिस्तान ने मध्य पूर्व विवाद में मध्यस्थता का प्रस्ताव दोहराया


पाकिस्तान ने एक बार फिर मध्य पूर्व विवाद में मध्यस्थता करने की पेशकश की है और क्षेत्र में किसी भी विवाद का हिस्सा नहीं होने का अपना संकल्प दोहराया है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को अपने समकक्षों ईरान के मोहम्मद जवाद जरीफ, सऊदी अरब के फैसल बिन फरहान अल-सऊद और तुर्की के मेवलुत कावुसोग्लू से फोन पर बात की और औपचारिक रूप से यह प्रस्ताव दिया।

तीन जनवरी को अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद कुरैशी ने पहली बार तेहरान से संपर्क किया है।

विदेश मंत्रालय की आधिकारिक घोषणा के अनुसार, ‘क्षेत्र में प्रतिकूल परिस्थिति’ पर कुरैशी और चारों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच व्यापक चर्चा हुई।

कुरैशी ने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान न तो किसी भी अन्य देश को अपनी जमीन का उपयोग करने देगा और न ही किसी क्षेत्रीय संकट का हिस्सा बनेगा।

कुरैशी मध्य पूर्व की स्थिति पर सोमवार (आज) सीनेट या नेशनल एसेंबली में एक नीतिगत बयान (पॉलिसी स्टेटमेंट) दे सकते हैं।

डॉन न्यूज ने कहा कि कुरैशी ने मध्य पूर्व में अपने समकक्षों से बात सेना के प्रवक्ता और इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजल जनरल आसिफ गफूर के बयान के बाद की है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि पाकिस्तान किसी भी दूसरे देश को किसी अन्य देश के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा और क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति कायम रखने में भूमिका निभाना जारी रखेगा।

एआरवाई न्यूज टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कुरैशी ने माना कि सुलेमानी की मौत के बाद क्षेत्र की स्थिति बदल गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इच्छा है कि क्षेत्र में और युद्ध न हो।

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