पांच साल में ‘माननीयों’ की रेल यात्रा पर 62 करोड़ खर्च

लोकसभा के मौजूदा और पूर्व सदस्यों को ट्रेनों में निशुल्क यात्रा की सुविधा से बीते पांच साल में सरकारी खजाने पर 62 करोड़ रुपए का भार पड़ा है। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान 2020-21 में करीब 2.5 करोड़ रुपए इस तरह की यात्राओं पर खर्च हुए हैं।

मौजूदा सांसद रेलवे की प्रथम श्रेणी की एअर कंडिशंड श्रेणी या एग्जिक्यूटिव श्रेणी की निशुल्क यात्रा की पात्रता रखते हैं। उनके जीवनसाथी भी कुछ शर्तों के साथ मुफ्त यात्रा कर सकते हैं। पूर्व सांसद भी अपने किसी साथी के साथ एसी-2 टियर में या अकेले एसी-1 टियर में निशुल्क यात्रा करने की पात्रता रखते हैं। मध्य प्रदेश के आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने इस बारे में जानकारी मांगी थी।

इसके जवाब में लोकसभा सचिवालय ने बताया कि उसे 2017-18 और 2021-22 में वर्तमान सांसदों की यात्रा के बदले में रेलवे की ओर से 35.21 करोड़ रुपए का बिल मिला, वहीं पूर्व सांसदों की यात्रा के लिए 26.82 करोड़ रुपए का बिल मिला है।

आरटीआइ जवाब में कहा गया कि सांसदों और पूर्व सांसदों ने महामारी के प्रकोप वाले वर्ष 2020-21 में रेलवे के पास का भी उपयोग किया, उनका बिल 1.29 करोड़ रुपए और 1.18 करोड़ रुपए था। रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों समेत विभिन्न श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली कई छूट पर रोक लगा दी है, जिससे कुछ तबकों में नाराजगी है। वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सबसिडी खत्म करने के कदम की भी आलोचना हुई है।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *