नोएडा सुपरटेक मामला: योगी ने एसआईटी को अधिकारियों की भूमिका की जांच का दिया आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर प्रकरण पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने का आदेश दे दिया है।

नोएडा सुपरटेक 40 मंजिला ट्विन टावर मामले में बिल्डरों और नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की सांठगांठ खुलकर उजागर हुई है।

सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के ट्विन टावर मामले में जांच के लिए तुरंत सरकारी स्तर पर एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। 2004 से 2017 तक इस मामले से जुड़े अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि एसआईटी को समयबद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि नोएडा ट्विन टावर मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उच्चतम न्यायालय द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखने के बाद यह कदम सामने आया है, जिसमें नोएडा में दो 40 मंजिला जुड़वां टावरों – टावर एपेक्स और टावर सियेन को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था।

सर्वोच्च न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पारित एक निर्णय, जिसमें न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह शामिल थे, ने कहा कि निर्माण अवैध है और नोएडा प्राधिकरण और रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के बीच मिलीभगत का परिणाम है।

सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक को दो महीने के भीतर संबंधित फ्लैट मालिकों के 12 फीसदी ब्याज दर के पैसे वापस करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा, दो महीने के भीतर, आवंटित फ्लैट मालिकों द्वारा निवेश की गई सभी राशि याचिकाकर्ता (सुपरटेक) द्वारा वापस की जानी है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल 2014 को फैसला सुनाते हुए दो 40 मंजिला ट्विन टावरों को गिराने का आदेश दिया था।

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