नेहरू की गलती को मोदी ने सुधारा : शिवराज


जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाये जाने के बाद अब इस मसले पर मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री आमने-सामने हैं. दरअसल, कश्मीर मामले पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा उन्होंने ‘अपराधी’ कहा था. इस पर राज्य के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि, ‘चौहान जवाहरलाल नेहरू के पैर की धूल भी नहीं हैं. ऐसे बयान देते समय उन्हें शर्म आनी चाहिए. दिग्विजय सिंह ने सीहोर में कहा, ‘नेहरू के पैरों की धूल भी नहीं हैं शिवराज। शर्म आनी चाहिए उनको।” वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें आधुनिक भारत का निर्माता, कहा जाता है..जिन्होंने आज़ादी के लिए संघर्ष किया, जिनके किए गए कार्य व देशहित में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनको मृत्यु के 55 वर्ष पश्चात आज अपराधी कह कर संबोधित करना बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है.’

आपको बता दें कि कश्मीर का हवाला देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने जवाहरलाल नेहरू को ‘अपराधी’ बताया था. ओडिशा में शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज ने इसकी दो वजहें बताईं. चौहान ने बताया, ‘जब भारतीय फौज कश्मीर से पाकिस्तानी कबायलियों को खदेड़ते हुए आगे बढ़ रही थी, ठीक उसी वक्त नेहरू ने संघर्ष विराम का ऐलान कर दिया. इस वजह से कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में रह गया. यदि कुछ दिन और संघर्षविराम की घोषणा नहीं होती, तो पूरा कश्मीर भारत का होता.’ इसके आगे उन्होंने कहा, “जवाहर लाल नेहरू का दूसरा अपराध अनुच्छेद 370 था. भला एक देश में कैसे दो निशान, दो विधान (संविधान) और दो प्रधान अस्तित्व में हो सकते हैं? यह केवल देश के साथ अन्याय नहीं बल्कि अपराध भी है.”

आपको बता दें कि इससे पहले आज ही कांग्रेस पर देश में कई समस्याओं के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए चौहान ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को लाकर ‘गुनाह’ किया था. उन्होंने कहा, ‘नेहरू की ऐतिहासिक गलती को अब अनुच्छेद 370 को खत्म करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुधारा है.’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के लिए भी एक कानून बनाया है. कई देशों ने काफी पहले ही तीन तलाक खत्म कर दिया लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया.

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