नामांकन रद्द होने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा पूर्व बीएसएफ जवान

वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव अपना नामांकन खारिज होने पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्‍होंने चुनाव आयोग के नामांकन रद्द करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट से आयोग के फैसले पर विचार करने की मांग की।

बता दें कि एसपी के प्रत्‍याशी बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी खारिज हो गई थी। निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया था। वाराणसी के रिटर्निंग ऑफिसर ने उनसे नोटिस का जवाब देने को कहा था। नामांकन रद्द होने पर तेज बहादुर ने दावा किया था कि उनका नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है।

नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा, ‘मेरा नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है। मुझे मंगलवार शाम 6:15 बजे तक सबूत देने के लिए कहा गया था, मैंने सबूत दिए भी। इसके बावजूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया।’ तेज बहादुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वाराणसी से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। अब उनकी जगह पर एसपी की पूर्व घोषित प्रत्‍याशी शालिनी यादव चुनाव लड़ रही हैं। शालिनी यादव पहले कांग्रेस में थीं और वाराणसी में मेयर के चुनाव में उन्हें 1.13 लाख वोट मिले थे।

नामांकन पत्रों की जांच के बाद तेज बहादुर यादव द्वारा दाखिल दो नामांकन पत्रों में बीएसएफ से बर्खास्तगी की दो अलग-अलग जानकारी सामने आई थी। इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर जवाब देने को कहा गया था। तेज बहादुर से नोटिस में कहा गया था कि वह बीएसएफ से एनओसी लेकर आएं, जिसमें यह साफ किया गया हो कि उन्हें किस वजह से नौकरी से बर्खास्त किया गया था।

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