सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आज नई आपराधिक न्याय व्यवस्था के कानूनों को लागू करने का स्वागत करते हुए इसे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण पल बताया. उन्होंने कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में एक व्यापक सुधार की ओर आगे बढ़ा है. दिल्ली में आयोजित ‘भारत का आपराधिक न्याय प्रणाली प्रशासन में प्रगतिशील मार्ग’ सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर ‘हम नागरिकों के रूप में इन्हें अपनाते हैं’ तो ये नए कानून सफल होंगे. भारत के सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि नए बने कानूनों से भारत का आपराधिक न्याय पर कानूनी ढांचा एक नए युग में पहुंच गया है.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच और अभियोजन को कुशलतापूर्वक करने के लिए बहुत जरूरी सुधारों को लागू किया गया है. सीजेआई ने कहा कि ‘संसद से इन कानूनों को पारित करना इस बात का साफ संकेत है कि भारत बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है, और वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए नए कानूनी उपकरणों की जरूरत है.’ इस सम्मेलन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरामानी और सोलीसिटर जनरल तुषार मेहता भी में मौजूद थे.
गौरतलब है कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए लागू किए गए तीन कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1 जुलाई से लागू होंगे. हालांकि गाड़ियों के ड्राइवरों के हिट-एंड-रन के मामलों से संबंधित कानूनों को तुरंत लागू नहीं किया जाएगा. इन तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को अपनी सहमति दे दी थी.