मुंबई से गांधी शांति यात्रा लेकर निकले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा रविवार को उत्तर प्रदेश के इटावा पहुंचे। यहां गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ शिरकत की। इस दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा- हम लोग गांधीजी के सत्य, शांति और अहिंसा का संदेश लेकर यात्रा पर निकले हैं। इस यात्रा पर निकलने की इसलिए आवश्यकता पड़ी, क्योंकि आज देश का संविधान और गणतंत्र खतरे में है। किसान भी खतरे में है। देश मे अशांति है। जगह-जगह विरोध हो रहा है।
‘देश को दोबारा बंटवारा नहीं होने देंगे’
सिन्हा ने आगे कहा कि हम बाबा साहब के संविधान की रक्षा करेंगे। देश को दोबारा नहीं बंटने देंगे। गांधी की हत्या दोबारा नहीं होने देंगे। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में यशवंत सिन्हा ने 9 जनवरी को मुंबई से 3000 किमी की शांति यात्रा शुरू की थी। यह यात्रा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होते हुए 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगी।
‘साधू-संतों और सपेरों का देश, कागज नहीं’
वहीं, इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार ने लोगों के अंदर डर पैदा कर दिया है। यह लोग देश को किस रास्ते पर लेकर जा रहे हैं? एक वो थे जो लाठी लेकर गुजरात से चले थे और यमुना के किनारे आखिरी सांस ली थी और यह लोग निकले तो गुजरात से हैं और यमुना किनारे बैठे हैं। लेकिन यह लोग देश को बांटने का काम करना चाहते हैं। किसान के सामने अंधकार है।
उन्होंने आगे कहा कि यह साधु संतों का देश है। यह सपेरों का देश है। सपेरों पर कागज नहीं है। इनके पास घर नहीं है। खेत नही। इनके पास सांप थे तो वो भी सुप्रीम कोर्ट ने छीन लिए अब इनके पास बीन बची है। पुलिस इन्हें लाठी दिखा रही है। चम्बल और यमुना किनारे रहने वाले लोग कागज नहीं दिखाएंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव पर बोलते हुए अखिलेश ने दावा किया कि वहां भाजपा की करारी हार होने वाली है। अरविंद केजरीवाल दोबारा सीएम बनेंगे।