कांग्रेस ने भारत बायोटेक वैक्सीन के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मंजूरी न मिलने पर सवाल उठाये हैं। देश में निष्पक्ष कोरोना जांच कमीशन के गठन की मांग की है।
कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता कर निष्पक्ष कोरोना जांच कमीशन के गठन की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर सभी दलों की राय भी ली जानी चाहिए। जिसमें हैल्थ एक्सपर्ट, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को भी शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि 32 करोड़ व्यस्क ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की एक भी खुराक अब तक नहीं दी गई है। जबकि प्रधानमंत्री ने कहा था कि 31 दिसंबर, 2021 तक सब वयस्कों को दोनों खुराक दे दी जाएगी। अब 70 दिन बचे हैं। इसका मतलब यह है कि अभी रोजाना 1.51 करोड़ खुराक दी जानी चाहिए।
लेकिन पिछले छह दिनों के रोजाना औसतन 39 लाख खुराक दी गई। देश के 74 करोड़ वयस्कों को 106 करोड़ खुराक कब तक दी जाएगी? उन्होंने कहा कि देश में 103 करोड़ लोग वयस्क हैं।
उन्होंने कहा दुनिया में दोनों टीके लगाने के मामले में भारत 20 में से 19वें नम्बर पर है। कोरोना काल में देशवासिओं की जान से खेलने की क्रूरता का भी केंद्र सरकार को देना चाहिए। जब अस्पताल में इंजेक्शन मिलता नहीं था, वेंटिलेटर नहीं मिलता था.बीजेपी सरकार में असहाय बेबसी और क्रूरता पर लाकर खड़ा कर दिया था
उन्होंने कहा कि देश में 4 लाख से ज्यादा लोग मारे जाने की पुष्टि सरकारी आंकड़ों में है जबकि स्वतन्त्र एजेंसियों के हिसाब से 40 से 65 लाख लोग मारे गए।
इसलिए एक निष्पक्ष कोरोना जांच कमीशन का गठन हो, जो सरकार की लापरवाही की जांच करें.हर मृत्यु का दोबारा सर्वे कर मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज के लिए सरकार की नीति क्या है ये भी केंद्र की और से स्प्ष्ट किया जाए। अगर तीसरी लहर आगयी तो क्या होगा ?
सुरजेवाला ने भारत बायोटेक वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की ओर से मंजूरी न मिलने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हजारों छात्र विदेश जाकर पढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। क्या वजह है कि इस टीके को मंजूरी नहीं मिल रही है क्या सरकार की ओर से इसमें कोई चूक हुई है। क्यों नहीं समय रहते बच्चों के टीकाकरण का काम भी शुरू किया जा रहा है।
वहीं इस मसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान भीषण कुप्रबंधन और टीकों का ऑर्डर देने में विलंब के बाद सरकार अब आंशिक रूप से क्षतिपूर्ति कर पाई है। वह अपनी पहले की विफलताओं के लिए जवाबदेह है।