देश भर में डीईएफ दे रही है ‘फेक न्यूज’ से निपटने की ट्रेनिंग

नई दिल्ली: लोकप्रिय सोशल मीडिया एप्प “व्हाट्सप्प”- जिसका उदेश्य लोगों को जोड़ना और व्यस्त जीवन शैली में लोगों को अपने प्रियजनों ,मित्रो से आसानी से सम्पर्क करने का  है।

लेकिन ठीक इसके विपरीत, हमें सोशल मीडिया का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहा है। हालांकि, इसका दुरुपयोग ज्यादातर राजनैतिक दलों एवं बुधिद्जीवियो द्वारा किया जा रहा है, जिनका केवल एक मकसद “भीड़” को एक जुट करना या किसी भी वक़्त दंगो को भड़काना मात्र हो गया है।

ऐसे में सोशल मीडिया का इस्तेमाल साकारात्मक से ज्यादा नाकारात्मक  परिणाम के लिए हो रहा है। और ऐसे गलत सूचनाओं से लोगों में प्रतिशोध की भावना जन्म ले रही है, हम आपसी भईचारे, प्रेम, सद्भावना, विविधता में एकता के विचारो को भूले जा रहे है, और अपनी जीवन को इन देश द्रोहियो के  हाथो की कटपुतली  बनते जा रहे है |

लगातार इस प्रकार की “फेक न्यूज़” के प्रचलन के बढ़ जाने के कारण व्हाट्सप्प की लोकप्रियता और गुणवक्ता में भी कमी आई है। जिसकी वजह से व्हाट्सप्प  ने डिजिटल एंपावरमेंट के साथ मिलकर देश भर में जागरुकता अभियान चला रखा है।

जागरुकता अभियान के तहत व्हाट्सप्प की मदद से “डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन” देश में अलग-अलग शहरों में प्रशिक्षण शिविर लगा रही है,ताकि  देश की आम जनता को “फर्जी खबरों” के प्रति जागरूक बना सके |

अब तक “डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन” (डीईएफ) ने देश भर में फैले करीब 500 जगहों पर मौजूद सामुदायिक सूचना संसाधन केंद्र (सीआईआरसी) की मदद से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना समेत 13 राज्यो में विभिन्न समुदयो को ट्रेनिग दी जा रही है।

इसमें किसान, मजदूर ,छात्र-छात्राएं ,कामकाजी वर्ग, जैसे लोग शामिल है । वर्कशॉप में लोगों को गुमराह करने वाली खबरों को पहचानने के तरीके के साथ-साथ इसे रोकने के विधि बताई जाती है। जिसे सीखने के लिए लोग काफी उत्सुक दिखाई देते हैं।

जहां महाराष्ट्र के पुणे में  “व्हाट्सप्प फेक न्यूज़” शिविर में करीब 500 से भी ज्यादा लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, वहीं उत्तरप्रदेश के गाजीपुर के भीमापुर गांव के आम लोग, किसान, गृहणियों , और बच्चो ने भाग लिया और इस प्रकार की खबरों का एक स्वर में बहिष्कर किया |

इसी प्रकार आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तम में सरकरी स्कूल के पॉलिटेक्निक के विद्यार्थीयों को भी इस अभियान से जोड़ा गया। वहीं कर्नाटक के पलनीमेडु गांव  में भी धार्मिक संगठन के सदस्यों एवं कोल्लेगल के बुनकर समुदाय ने भी व्हाट्सप्प फेकन्यूज़ रोकने की ट्रेनिंग  लिए।

विभिन्न स्थनो में लोगों के  उत्साह और जागरूकता  को देखने से ये लगता है,कि आने वाले समय में हम सब मिल कर एक नए भारत का निर्माण कर सकेंगे साथ ही इस प्रकार कि फर्जी न्यूज़ का प्रचलन बंद हो जाएगा |

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One thought on “देश भर में डीईएफ दे रही है ‘फेक न्यूज’ से निपटने की ट्रेनिंग

  1. Thanks and congratulations to all DEF-coordinators who are working hard for ‘Whatsapp’ Fighting Fake News’
    We hope this will stop the fake reports being viral and also the way to respond to information received by people.🙌

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