1 से 3 मार्च तक भा.कृ.अनु.सं. के मेला ग्राउंड में आयोजित किये जा रहे पूसा कृषि विज्ञान मेला, 2020 का उदघाटन समारोह भारत सरकार के केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण,ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री माननीय नरेंद्र सिंह तोमर जी के कर कमलों से संम्पन्न होगा जो उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे. परशोत्तम रूपला एवं कैलाश चौधरी, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, उदघाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे. डॉ त्रिलोचन महापात्र सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प. समारोह के सम्माननीय अतिथि होंगे. भा.कृ.अनु.सं. के निदेशक डॉ. ए के सिंह तथा संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. जे. पी. शर्मा, भा.कृ.अनु.प. के उपमहानिदेशक (प्रसार) तथा अन्य गणमान्य अधिकारिगण समारोह को अलंकृत करेंगें.
उन्नत किस्में और उपज
भा.कृ.अनु.सं. द्वारा विकसित बासमती चावल की किस्में जैसे पूसा बासमती 1121, पूसा बासमती 1509 और अन्य बासमती की उन्नत किस्में जैसे पूसा बासमती 1718, पूसा बासमती 1637 इत्यादि देश के लगभग 1.5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में उगाई जाती हैं और वर्ष 2018-19 के दौरान इसने रु. 32800 करोड़ की विदेशी मुद्रा अर्जित की है. भा.कृ.अनु.सं. द्वारा जारी की गई गेहूं की किस्मों एचडी 2967, एचडी 3086 और अन्य किस्मों ने कुल मिलाकर देश के कुल गेहूं उत्पादन में लगभग 60 प्रतिशत का योगदान दिया है जिससे रुपये 81000 करोड़ की कुल आय प्राप्त हुई है.
पूसा द्वारा विकसित उन्नत किस्में
इस वर्ष, बेहतर पोषण और अधिक उपज एवं आय के लिए फसलों की 34 नई प्रजातियाँ विकसित की गई है जिसमें गेहूं (9), मक्का (4), चना (2) एवं मूंग , मसूर तथा सोयाबीन की एक-एक प्रजाति; सब्जियों की 11 किस्में; फलों की चार (4) नई किस्में (आम की दो, प्यूमेलो और अंगूर में एक-एक) तथा फूलों की एक (ग्लेडियोलस)प्रजाति शामिल है.
बेहतर उपज प्रदान करने वाली किस्में
पूसा अचार खीरा-8 (डी.जी.-8) कम लागत वाले पॉली-हाउस के अंदर सर्दियों के मौसम (ऑफ-सीज़न: नवंबर-मार्च) के दौरान 80-85 टन/हेक्टेयर की उपज प्रदान करेगा. ग्रीष्मकालीन स्क्वैश पूसा श्रेयश (डीएस-17) पॉली-हाउस के अंदर सर्दियों के मौसम में 20.0-22.0 टन/हेक्टेयर उपज प्रदान करेगा. पूसा स्नोबॉल संकर-2 (केटीएच-डीएच-1) एफ1 संकर पर आधारित पहला दोगुना अगुणित है, पारंपरिक रूप से प्रतिबंधित एफ1 संकर की तुलना में इसमें अधिक एकरूपता है. पूसा पर्पल फूलगोभी-1 (केटीपीसीएफ-1) बैंगनी रंग की है और गहरी रंजकता गोभी के फूल के अंदर होती है. कुल खाद्य भाग में औसत एंथोसाइनिन सांद्रण 43.7मिली ग्राम / 100 ग्राम है. औसत विक्रेय फूल का वजन 0.76 किलोग्राम है.
उन्नत किस्में और पोषक तत्व
भा.कृ.अनु.सं. की पहली F1 संकर पूसा रक्षित, टमाटर की किस्म (डीटीपीएच-60) संरक्षित खेती के लिए जारी की गई है. औसत फल उपज 15 किग्रा/वर्गमीटर है. पके हुए लाल फलों में टीएसएस 5.1O ब्रिक्स और लाइकोपीन की मात्रा 6.0 मिली ग्राम/100 ग्राम होती है. पालक की किस्म पूसा विलायती कम अवधि तैयार होती है तथा दो कटिंग मे 12 टन /हेक्टेयर की उपज देती है. इसमें उच्च एस्कॉर्बिक एसिड, लोहा और कैल्शियम (क्रमशः 65, 8 और 186 मिलीग्राम/100 ग्राम) शामिल हैं. सरदा खरबूजे की पहली नारंगी मांसल किस्म पूसा सुनेहेरी विकसित की गई है और यह संरक्षित खेती के लिए उपयुक्त है. बाजार में अधिक मांग और कम आपूर्ति की स्थिति में फूलगोभी की पूसा संकर-3 (DCH 976) किसानों को आय बढ़ाने में मदद करेगी. दिल्ली में इसकी कटाई दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में करके 37-39 टन / हेक्टेयर की उपज प्राप्त की जा सकती है.