दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए नासा की विंडो वाला ग्रीन वॉर रूम

नई दिल्ली – प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे उपायों पर नजर रखने के लिए दिल्ली सचिवालय में एक केंद्रीयकृत वॉर रूम की शुरूआत की गई है।

गुरुवार को यह वॉर रूम शुरू किया गया। वॉर रूम से हॉटस्पॉट, रियल टाइम मॉनिटर में पीएम-10, पीएम-2.5 समेत अन्य गैसों की स्थिति का पता लगेगा।

इससे नासा व इसरो सैटेलाइट से दिल्ली और आसपास के राज्यों में पराली या कूड़ा जलाने की स्थिति पर निगरानी की जा सकेगी।

वॉर रूम के जरिये विभिन्न समस्याओं पर निगरानी रखने के लिए डीपीसीसी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों डॉ. मोहन जॉर्ज और डॉ. बीएल चावला के नेतृत्व में 10 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम बनाई गई है।

अगले कुछ दिनों में लांच होने वाले ग्रीन दिल्ली एप पर आने वाली शिकायतें भी वॉर रूम से मॉनिटर होंगी, सभी शिकायतें संबंधित एजेंसी के पास अटोमैटिक चली जाएगी और वॉर रूम एजेंसी से संपर्क कर उसे निस्तारित कराने का प्रयास करेगा।

दिल्ली सचिवालय में वॉर रूम का उद्घाटन करने के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, “दिल्ली के अंदर बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 5 अक्टूबर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध अभियान शुरू किया है।

चूंकि पूरा अभियान बिना सभी लोगों के सहयोग से संभव नहीं है। दिल्ली के अंदर अलग-अलग जो एजेंसियां है, उन सभी लोगों को कोऑर्डिनेट करने के लिए एक केंद्रीकृत वार रूम दिल्ली सचिवालय में शुरू किया गया है। वॉर रूम में मुख्य तौर पर तीन स्क्रीन लगाई गई हैं।

पहली स्क्रीन पर दिल्ली सरकार के 40 रियल टाइम मॉनिटर हैं, उनको विश्लेषण करने का काम करेंगे। उसमें पीएम-10, पीएम-2.5, सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन और हवा की गति उस समय क्या है, इसकी निगरानी करने का काम किया जाएगा।

दूसरी स्क्रीन में दिल्ली के अंदर चिंहित 13 हॉटस्पॉट प्रदर्शित होंगे, जिसे वॉर रूम से मॉनिटर करने का काम करेंगे। वॉर रूम से देख पाएंगे कि हॉटस्पॉट एरिया में क्या प्रगति चल रही है और क्या-क्या समस्याएं आ रही हैं।

वहीं, तीसरी स्क्रीन पर नासा और इसरो की विंडो है। दोनों सैटेलाइट पर वार रूम से नजर रखी जाएगी कि इस समय देश के अंदर, खास तौर पर दिल्ली के पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कहां पर कितना पराली या कूड़ा जलाई जा रहा है।

गोपाल राय ने कहा, “आगामी दिनों में ग्रीन दिल्ली एप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी लॉन्च करने वाले हैं। उस एप पर पूरी दिल्ली के अंदर से शिकायत आएंगी।

उन शिकायतों को भी हम हॉट स्पॉट वाली दूसरी स्क्रीन से निगरानी करेंगे। उन शिकायतों का निस्तारण कर उसे लागू कराने का प्रयास करेंगे।

साथ ही मैकेनिकल रोड स्वीपिंग, स्प्रिंकलिंग का काम है, उसमें तीनों एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के माध्यम से काम शुरू हो रहा है, उसको भी हम यहां जीपीएस के माध्यम से निगरानी करने का काम कर पाएंगे, जिसके आधार पर हम अपना एक्शन प्लान बनाएंगे।”

इस पूरे वॉर रूम को संचालित करने के लिए 10 लोगों की टीम बनाई गई है।

गोपाल राय ने कहा, “रियल टाइम मॉनिटर वाली स्क्रीन की मदद से यह विश्लेषण करेंगे कि वहां पर क्या स्थिति है। विश्लेषण के बाद हम एक्शन प्लान बनाएंगे। नासा और इसरो सैटेलाइट वाली स्क्रीन की मदद से फसल या कूड़ा जलाने और दिल्ली के अंदर जहां भी कुछ जलाया जा रहा है।

उसे संज्ञान लेकर वॉर रूम से हम संबंधित एजेंसी से संपर्क करेंगे। उन्हें वॉर रूम से भी फोन किया जाएगा और तत्काल कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।

दिल्ली में कुल 40 रियल टाइम मॉनिटर लगे हुए हैं, जिसमें से 26 स्टेशन दिल्ली सरकार के हैं। उन्होंने स्क्रीन पर दिल्ली के अंदर वर्तमान में पीएम-10, पीएम-2.5, सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन और हवा की गति की स्थिति प्रदर्शित होती रहेगी।

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