दिल्ली चुनाव : चांदनी चौक में उम्मीदवार वही, पार्टी नई


दिल्ली के चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र में इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला है। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां जो तीन मुख्य उम्मीदवार मैदान में थे, इस बार भी वही तीनों एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। हालांकि इस बार इन उम्मीदवारों में से दो ने अपनी पार्टियां बदल ली हैं।

पिछले चुनाव में चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक चुनी गईं युवा नेता अलका लांबा इस बार इसी सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। पिछली बार कांग्रेस उम्मीदवार रहे प्रलहाद सिंह साहनी इस बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा की ओर से 2015 में चुनाव लड़ और हार चुके सुमन गुप्ता फिर एक बार मैदान में हैं।

चांदनी चौक का सबसे बड़ा मुद्दा अवैध निर्माण है। स्थानीय निवासी सुभाष चक्रवर्ती ने बताया कि चांदनी चौक में अवैध निर्माण के कारण सड़कों पर वाहनों के चलने की जगह नहीं रह गई है। फुटपाथ तो अवैध कब्जों के चलते लुप्त हो चुके हैं। लगातार बढ़ते अवैध निर्माण ने पार्किं ग की भयंकर समस्या को भी जन्म दिया है।

एक स्थानीय बुजुर्ग मतदाता सुनील चौबे ने कहा, मैं जन्म से ही यहां रहता हूं, हमारे जमाने में यहां बच्चों के खेलने, साइकिल चलाने और शादी-ब्याह के लिए खूब जगह थी, मगर अब कुछ नहीं बचा है। यही कारण है कि लोग चांदनी चौक इलाके से रिहाइश खत्म कर रहे हैं।

करीब सवा लाख मतदाताओं वाली चांदनी चौक विधानसभा सीट पर मुस्लिम और वैश्य आबादी का दबदबा है। विधानसभा में चांदनी चौक, सिविल लाइंस और जामा मस्जिद तीन वार्ड हैं। जामा मस्जिद वार्ड में 80 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। पिछले विधानसभा में यहां से आप की जबर्दस्त जीत हुई थी।

चांदनी चौक वार्ड में वैश्य मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है और भाजपा इस इलाके में लगातार अच्छा प्रदर्शन करती आई है। सिविल लाइंस में वैश्य व अनुसूचित जाति के मतदाता अच्छी तादाद में हैं। मौजूदा समीकरणों से स्पष्ट है इस बार भी चांदनी चौक की सीट वही प्रत्याशी जीत पाएगा जो वैश्य व मुस्लिम वोटरों को रिझाने में कामयाब रहेगा। चांदनी चौक में मुस्लिम और वैश्य वोटर 20-20 प्रतिशत हैं। अनुसूचित जाति के वोटर 18 प्रतिशत के आसपास हैं। यहां पंजाबी वोटर मात्र तीन प्रतिशत और ब्राह्मण मतदाता करीब 7 प्रतिशत हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा ने आईएएनएस से कहा, मैं यह चुनाव अपने काम व हाथ के निशान पर लड़ रही हूं। अभी तक चुनाव प्रचार के लिए मैंने कोई बड़ी रैली नहीं, मैं घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात कर रही हूं।

अलका ने कहा, बीते पांच वर्षो में किया गया मेरा काम ही मेरी चुनावी रणनीति है। चंद्रावल में खतरनाक हाइटेंशन तारों का जाल रिहायशी आबादी के ऊपर लटका हुआ था। मैंने दो करोड़ रुपये की लागत से उसे अंडरग्रांउड करवाया। जामा मस्जिद, चांदनी चौक, मजनूं का टीला जैसे इलाकों में अपनी विधायक निधि से काम करवाए हैं।

वहीं कांग्रेस से आप में आए साहनी ने कहा, चांदनी चौक के लोग मेरे परिवार की तरह हैं। मैं यहां 1983 से लोगों के बीच चुनाव जीतकर काम कर रहा हूं। तब जो बच्चे थे अब युवा वोटर बन गए हैं। मैं इन सब लोगों से मिलकर अपनी छवि और अरविंद केजरीवाल के कामों पर वोट मांग रहा हूं।

भाजपा इस सीट से केवल साल 1993 का विधानसभा चुनाव जीती थी। भाजपा के मौजूदा प्रत्याशी सुमन कुमार गुप्ता ने आईएएनएस से कहा, इस बार हम 27 साल का बनवास खत्म करेंगे। चांदनी चौक के लोग विकास में पिछड़ गए हैं, केंद्र में भाजपा है, दिल्ली नगर निगम में भी भाजपा है, ऐसे में अगर चांदनी चौक में भी भाजपा जीती तो इस इलाके का विकास होगा।

गुप्ता को जिताने के लिए इस बार कई केंद्रीय मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं भी चांदनी चौक क्षेत्र में जनसभाएं कर रहे हैं।

साल 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल 74,476 वोट पड़े थे। इनमें से 49 प्रतिशत यानी 36,756 वोट आप को, करीब 24 प्रतिशत यानी 18,469 वोट भाजपा को और 24 प्रतिशत के साथ 17,930 वोट कांग्रेस को मिले थे। उस समय आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार रहीं अलका लांबा यहां 18 हजार मतों से जीती थीं, जो एक रिकॉर्ड है।

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