दक्षिण अफ्रीका में सत्ताधारी अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस बुधवार को हुए संसदीय चुनाव में बढ़त बनाती हुई नजर आ रही है। अभी 50 फीसदी से ज्यादा वोटों की गिनती हो चुकी है।
हालांकि शुरुआती रुझानों से यह भी सपष्ट हो रहा है कि इस बार अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस का वोट फीसद पिछली बार के मुकाबले गिरा है। वहीं विपक्षी पार्टियों को पिछली बार के मुकाबले इस बार फायदा हो रहा है।
काउंसिल फ़ॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के अनुसार, अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 58 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है। साल 2014 में पार्टी को 62 फीसदी वोट मिले थे। अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस को अतीत में हुए आम चुनावों में 60 फीसदी से कम वोट नहीं मिले थे।
दरअसल महज दूसरी बार चुनाव लड़ रही दक्षिणपंथी फ्रीडम फ्रंट प्लस (एफएफपी) इस बार अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस, विपक्षी डेमोक्रेटिक एलायंस (डीए) और वाम पार्टी इकोनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स (ईएफएफ) के वोट बैंक में सेंध लगाने में सफल रही है।
अब तक विपक्षी डेमोक्रेटिक एलायंस (डीए) को लगभग 26 फीसदी और वाम पार्टी इकोनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स (ईएफएफ) के हिस्से में नौ फीसदी वोट आए हैं।
दक्षिण अफ्रीका में संसद के अलावा नौ प्रांतीय विधानसभाओं के लिए भी बुधवार को वोट डाले गए थे। ये चुनाव देश में व्यापक भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और नस्ली भेदभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हुए थे।
पिछले साल अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के नेता जैकब जुमा को भष्टाचार के आरोपों के बीच राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा था। उसके बाद सिरिल रैमफोसा नए राष्ट्रपति बने थे।
चुनाव के नतीजे शनिवार को आ जाएंगे।