प्रिटोरिया, रायटर। दक्षिण अफ्रीका में बुधवार को हुए संसदीय चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) सत्ता बचाती दिख रही है। लेकिन प्रारंभिक नतीजों से जाहिर होता है कि पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार उसके वोट फीसद में गिरावट आई है। पार्टी को 60 फीसद से कम वोट मिलते दिख रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद खत्म होने के बाद पहली बार एनएनसी को 60 फीसद से कम वोट मिलेंगे।
दक्षिण अफ्रीकी मीडिया के अनुसार, गुरुवार सुबह तक दो करोड़ 68 लाख मतों में से 40 लाख की गिनती हो चुकी थी। इनमें 55 फीसद मत एएनसी, 26 फीसद विपक्षी डेमोक्रेटिक अलायंस (डीए) और वाम पार्टी इकोनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स (ईएफएफ) को करीब नौ फीसद वोट मिले थे।
दक्षिण अफ्रीका की संसद और नौ प्रांतीय विधानसभाओं के लिए बुधवार को वोट डाले गए थे। ये चुनाव देश में व्यापक भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और नस्ली भेदभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हुए। ये समस्याएं 1994 में नेल्सन मंडेला की पार्टी एएनसी के पहली बार सत्ता में आने के 25 साल बाद भी बरकरार हैं। दक्षिण अफ्रीका को रंगभेद से मुक्ति दिलाने वाले मंडेला तब राष्ट्रपति बने थे।
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे एएनसी नेता जैकब जुमा को पिछले साल फरवरी में राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा था। उनके हटने पर सिरिल रैमफोसा नए राष्ट्रपति बने थे। ये चुनाव रैमफोसा के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं।