तमिलनाडु फर्जी भूमि सौदों को रद्द करने के लिए बनेगा कानून

चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने फर्जी भूमि सौदों को रद्द करने के लिए कानून बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।

राज्य के वित्त मंत्री पी.टी.आर. पलानीवेल त्यागराजन ने  राज्य विधानसभा में कहा था कि सरकार फर्जी भूमि सौदों को रद्द करने के लिए कानून लाएगी।

राज्य के राजस्व विभाग ने कानूनी विशेषज्ञों के साथ तैयारी और परामर्श शुरू कर दिया है और जल्द ही राज्य में भू-राजस्व अधिकारियों की एक बैठक होगी।

मंत्री ने यह भी कहा है कि तमिलनाडु में लगभग 5 प्रतिशत सरकारी भूमि अवैध कब्जे में है और इसे पुन: प्राप्त करने और नकली भूमि सौदों को रद्द करने के लिए विधेयक पेश किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून उन लोगों के खिलाफ पूर्वव्यापी कार्रवाई करने के प्रावधान प्रदान करेगा जिन्होंने अवैध रूप से दस्तावेज पंजीकृत किए थे।

राज्य सरकार उपलब्ध सरकारी भूमि के डेटाबेस के साथ जीपीएस से जुड़ी भूमि प्रबंधन प्रणाली विकसित करने पर भी विचार कर रही है।

नया कानून पंजीकरण महानिरीक्षक को फर्जी पंजीकरण रद्द करने के लिए आवश्यक शक्ति प्रदान करेगा।

मंत्री ने कहा कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, 2.05 लाख हेक्टेयर सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया गया है।
इस बीच सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक अकेले चेन्नई शहर में सरकारी जमीन के 23 फीसदी हिस्से पर अवैध कब्जा है।

राज्य भूमि अभिलेख आयुक्त कार्यालय और पंजीकरण महानिरीक्षक कार्यालय ने सरकार को सूचित किया है कि भूमि अभिलेखों के अनुसार, ब्रिटिश काल के दौरान पट्टे पर दी गई भूमि को भी राज्य द्वारा पुन प्राप्त नहीं किया गया।

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