दिल्ली सरकार, डेनमार्क के साथ मिलकर दिल्ली में ग्राउंड वाटर रिचार्ज और पराली से बिजली उत्पादन की संभावनाएं तलाशेगी। डेनमार्क के राजदूत के नेतृत्व में विशेषज्ञों ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बारिश के पानी से ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने और पराली से बिजली बनाने की तकनीक को विस्तार से बताया।
बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने पराली के समाधान पर भी चर्चा की और पराली से बिजली उत्पादन का समाधान प्रस्तुत किया। प्रतिनिधि मंडल ने सीएम अरविंद केजरीवाल को बताया कि किस तरह से पराली को वैकल्पिक उपयोग में लाया जा सकता है। यहां तक कि इसका एडवांस बायो फ्यूल (उन्नत जैव ईंधन) के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैठक के दौरान डेनमार्क में ग्राउंड वाटर रिचार्ज, ग्राउंड वाटर निकासी और सीवेज प्रबंधन का गहन अध्ययन और विश्लेषण किया। सीएम ने कहा कि दिल्ली में हम जिस मुख्य समस्या का सामना कर रहे हैं, वह यह है कि ग्राउंड वाटर रिचाजिर्ंग को व्यवस्थित और संगठित तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से ऐसे मॉडल पेश करने को कहा, जिनके अनुसार दिल्ली में ग्राउंड वाटर रिचार्ज और ग्राउंड वाटर निकासी को अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान के तौर पर लागू किया जा सके।
सीएम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मानसून अगस्त तक आएगा और सितंबर के मध्य तक रहेगा। दिल्ली को पानी से जुड़ी तमाम समस्याओं से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है।
हम ऐसे समाधान को लागू करने के इच्छुक हैं, जिससे कि हम इस मानसून से ही ग्राउंड वाटर रिचार्ज कर सकें और उसके संरक्षण के दायरे का विस्तार कर सकें। हम बारिश के पानी को स्टोर करने और बड़े पैमाने पर ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने के लिए मिशन मोड में कुछ परियोजनाओं को लागू करने पर विचार कर रहे हैं।