दिल्ली – दिल्ली विश्वविद्यालय सैकड़ों स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रहा है। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षक संगठनों की मांग है कि यह नियुक्तियां तय रोस्टर व प्रोफेसर काले कमेटी के अनुसार की जाएं ।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर योगेश कुमार सिंह से मांग की है कि वह इस विषय में कॉलेजों के प्रिंसिपलों को सकरुलर जारी करें। शिक्षकों की नियुक्तियों में रोस्टर व आरक्षण लागू करते समय प्रोफेसर काले कमेटी की रिकमेंडेशन को लागू करते हुए बैकलॉग पदों का विज्ञापन निकाले जाएं।
प्रोफेसर काले कमेटी पूर्व कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी ने एससी एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति के निर्देश पर बनाई थीं। इस कमेटी ने भारत सरकार की आरक्षण नीति को यूजीसी व डीओपीटी के अनुसार आरक्षण रोस्टर लागू करने संबंधी अपनी रिकमेंडेशन दी थीं ।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा की जीबीएम में प्रोफेसर काले कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया था। पिछले तीन वर्षों से प्रो. काले कमेटी की रिपोर्ट को लागू कराने के लिए एकेडमिक काउंसिल व एग्जीक्यूटिव काउंसिल में सदस्यों द्वारा मुद्दा उठाया जा रहा है । फोरम के मुताबिक इस बार भी एकेडमिक काउंसिल में सदस्यों ने इस रिपोर्ट को लागू कर स्थायी नियुक्ति करने को कहा लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया ।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों ने शिक्षकों के स्थायी पदों को भरने संबंधी विज्ञापन निकालने शुरू कर दिए है। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के मुताबिक कॉलेज जो विज्ञापन निकाल रहे है उसमें कहीं भी प्रोफेसर काले कमेटी के द्वारा बैकलॉग व शॉर्टफाल पदों के भरने का निर्देश नहीं है।
इसमें न ही ओबीसी सेकेंड ट्रांच ( दूसरी किस्त ) के पदों को जोड़कर पद विज्ञापित किए जा रहे हैं। वहीं जबकि शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी इन पदों को भरने संबंधी सकरुलर जारी कर चुकी है ।