डीयू में प्रवेश संबंधी शिकायत कमेटी गठित, कमेटी में डीयू के प्रोफेसर व छात्र

दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में शैक्षिक सत्र 2021-22 में छात्रों के प्रवेश संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए एक कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में है डीयू के प्रोफेसर व छात्रों को शामिल किया गया है।

डीयू में 4 अक्टूबर से शुरू हो रही अंडरग्रेजुएट में एडमिशन की प्रक्रिया को मद्देनजर कमेटी का गठन किया गया है। छात्र संगठन सीवाईएसएस व दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने दिल्ली विश्वविद्यालय में मिलकर यह कमेटी बनाई है।

इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर, कर्मचारी और छात्रों को रखा गया है। कमेटी के जरिए कोरोना के चलते छात्रों को होने वाली किसी भी तरह की समस्या का समाधान ऑफ लाइन और ऑन लाइन के माध्यम से किया जाएगा।

छात्र संगठन सीवीएसएस के अध्यक्ष चंद्रमणि देव ने बताया है कि छात्रों को दाखिला संबंधी होने वाली समस्याओं को इन नम्बरों पर व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायतें भेज सकते हैं। 9953550251 9990172010 8766363520, 9968571970, इसके अलावा छात्र अपनी समस्याओं को लेकर ईमेल भी कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त एक व्हाट्सएप नम्बर 8588833485 भी जारी किया गया है।

डीटीए के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन का कहना है कि छात्र घर बैठे ही दाखिला संबंधी अपनी औपचारिकताएं पूरी करें। घर में सुरक्षित रहकर अपना प्रवेश संबंधी फॉर्म भरें, फॉर्म भरते समय किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो वे दिए गए नम्बरों पर या वट्सएप के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर से उन छात्रों को बचना है जो पहली बार डीयू में प्रवेश लेने आ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि दाखिले के दौरान किसी सर्टिफिकेट के न होने, एससी, एसटी ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र या किसी तरह की त्रुटि होने पर छात्रों के सामने दिक्कत आती है तो पहले कॉलेज व विश्वविद्यालय से संपर्क करें।

डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि वे पिछले तीन दशक से दिल्ली विश्वविद्यालय की केंद्रीय प्रवेश समिति, शिकायत समिति, एससी, एसटी एडमिशन कमेटी, एससी, एसटी सैल में एडमिशन कमेटी, एडमिशन ग्रीवेंस कमेटी आदि में वर्षो तक रहे हैं।

उन्होंने बताया है कि सबसे ज्यादा शिकायतें एससी, एसटी, ओबीसी कोटे के जाति प्रमाण पत्रों की आती है। इसके अलावा सामान्य वर्गो के बराबर मार्क्‍स होने पर उन्हें कोटे में एडमिशन देना, ओबीसी सर्टिफिकेट का रिन्यू न होना या किसी अन्य राज्यों के जाति प्रमाण पत्रों को लेकर सबसे ज्यादा समस्या आती है। लेकिन इन सभी समस्याओं का समाधान उन्होंने समय पर किया है।

पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी के चलते ओबीसी कोटे के जाति प्रमाण पत्र नहीं बने हैं ,इस समस्या के समाधान के लिए डीटीए व सीवाईएसएस सोमवार को कार्यवाहक वाइस चांसलर से मिल रहे हैं।

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