झारखंड सरकार ने किसानों से धान खरीद की दरें तय की, आठ लाख मीट्रिक टन खरीदारी का लक्ष्य

झारखंड सरकार ने वर्ष 2021-22 के खरीफ फसल चक्र के दौरान राज्य के किसानों से आठ लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करने का लक्ष्य तय किया है।

राज्य के कृषि मंत्री बादल ने पत्रकारों को बताया कि किसानों से धान खरीदारी के नियमों और दरों को राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी प्राप्त हो गयी है। सरकार का लक्ष्य है कि धान उत्पादक किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले।

कृषि मंत्री ने बताया कि एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान की खरीदारी सरकार की ओर से की जायेगी। यह सीमा इसलिए तय की गयी है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य पर फसल विक्रय का लाभ प्राप्त हो सके।

धान खरीदारी की दरें भी तय कर दी गयी हैं। साधारण धान के लिए 2050 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए किस्म के लिए 2070 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को भुगतान कराया जायेगा।

इस राशि में केंद्र द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य और राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला बोनस दोनों शामिल है। प्रत्येक प्रखंड में धान प्राप्ति केंद्र बनाने और वहां समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दे दिया गया है।

कृषि मंत्री ने कहा कि खरीफ के पिछले फसल चक्र में राज्य सरकार ने 60 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया था, जबकि इस लक्ष्य के विरुद्ध 103 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल करते हुए सरकार ने 62 लाख क्विंटल धान खरीदा। अब इस साल 80 लाख टन धान की खरीदारी का लक्ष्य तय किया गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य के किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से अवगत कराने और सरकार की ओर से दिये जाने वाले लाभ को प्राप्त करने के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से सरकार 29 अक्टूबर से 9 नवंबर तक राज्य भर में 100 किसान मेलों का आयोजन करेगी।

इधर, झारखंड राज्य खाद्य निगम ने खरीफ विपणन मौसम में किसानों से खरीदी जानेवाली धान के एवज में मूल्य भुगतान के लिए नाबार्ड या बैंकों से ऋण लेने की योजना बनायी है।

पिछले खरीफ फसल चक्र के दौरान भी निगम ने किसानों को समय पर भुगतान के लिए 421 करोड़ का ऋण लिया था। निगम का दावा है कि राज्य में पहली बार किसानों को उनसे खरीदी गयी फसल के एवज में पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है।

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