झारखंड: मुख्यमंत्री श्रमिक योजना से श्रमिकों में जगी नई आस

कोरोना महामारी के दौरान अकुशल श्रमिकों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री श्रमिक योजना अकुशल श्रमिकों में अब नई आस जगाई है। राज्य के 50 नगर निकायों के गरीबों और श्रमिकों को इसका लाभ मिल रहा है।

कोरोना संक्रमण के दौरान रोजगार का अभाव श्रमिकों के लिए एक बड़ी समस्या के रूप में दिखाई दे रही थी। लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटे थे। इसी क्रम में इन श्रमिकों के लिए नई योजना बनाई। राज्य के 50 नगर निकायों में रहने वाले गरीबों और श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना अगस्त 2020 में प्रारंभ की गई।

इस योजना से शहरी जनसंख्या के करीब 31 प्रतिशत लोग, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहें हैं, उन्हें लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले ढाई वर्ष में 50 नगर निकायों में अब तक 63,493 जॉब कार्ड निर्गत कर 12,66,744 मानव दिवस कार्य का आवंटन किया गया। जॉब कार्डधारी को अधिकतम 100 कार्य दिवस कार्य का आवंटन हुआ।

मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी बताते हैं कि राज्य सरकार द्वारा शहरी विकास के लिए कई योजनाएं संचालित की जाती हैं। श्रमिकों के रहने वाले क्षेत्रों में ही भवनों का निर्माण, सड़कों का निर्माण, स्वच्छता आदि से संबंधित योजनाएं प्रारंभ की गईं, जिसमें अकुशल श्रमिकों की जरूरत होती है।

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