रांची – झारखंड के पलामू-गढ़वा में काली धान की खेती ने किसानों की उम्मीदें हरी कर दी हैं। इन दोनों जिलों में लगभग 22 एकड़ भूमि में पहली बार काले धान की फसल लहलहा रही है।
फसल पूरी तरह पकने में लगभग 20 दिनों का वक्त बाकी है। इस दौरान मौसम अनुकूल रहा तो इसकी खेती करने वाले किसानों के घर इस बार दिवाली-छठ में सच्चे अर्थों में लक्ष्मी आयेगी।
काली धान और इससे तैयार होने वाला चावल सामान्य श्रेणी के धान-चावल की तुलना में तीस से चालीस गुणा ज्यादा कीमत पर बिकता है।
पहली बार काले धान की खेती करने वाले किसान उत्साहित हैं। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो सूखे की त्रासदी के लिए जाने जाने वाले गढ़वा-पलामू के किसानों की जिंदगी बदल सकती है। बहरहाल, काली धान की लहलहाती फसल देखने के लिए हर रोज कई किसान पहुंच रहे हैं।