जल जीवन मिशन: झारखंड में 15.40 फीसदी घरों में नल के जरिए जलापूर्ति का दावा

झारखंड में जल जीवन मिशन के तहत 5 लाख 67 हजार 217 घरों में नल का पानी पहुंचाने का दावा किया गया है। झारखंड में कुल घरों की संख्या 59 लाख से ज्यादा है और इनमें से 15.40 फीसदी घरों तक नल के जरिए जलापूर्ति की जा रही है।

15 अगस्त 1947 को जब यह योजना शुरू हुई थी, उसके पहले राज्य के मात्र 5.83 प्रतिशत घर ऐसे थे, जहां नल के पानी की पहुंच थी। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2024 के अंत तक हर ग्रामीण घर में नल के जरिए जलापूर्ति सुनिश्चित करने की है।

समीक्षा में पाया गया है कि झारखंड में इस योजना की रफ्तार धीमी है।

पड़ोसी राज्य बिहार में इस योजना के तहत 88.44 प्रतिशत घरों तक नल का पानी पहुंचाने का दावा किया गया है, जबकि मिशन की शुरूआत के ठीक पहले वहां मात्र 1.84 प्रतिशत घरों तक ही नल का कनेक्शन उपलब्ध था।

झारखंड में इस मिशन के तहत रामगढ़ जिले में सबसे ज्यादा उपलब्धि दर्ज की गयी है, जहां 41.18 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन के जरिए पानी पहुंचाने का दावा किया जा रहा है।

राज्य की राजधानी रांची जिले की बात करें तो यहां 31.52 घरों तक नल कनेक्शन मुहैया कराया गया है। राज्य में सबसे बुरा प्रदर्शन पाकुड़ जिले का रहा है, जहां मात्र 3.74 फीसदी घर ही इस सुविधा से आच्छादित किये जा सके हैं। खराब प्रदर्शन करने वाले अन्य जिलों में गढ़वा (4.40 प्रतिशत), पलामू (6.50 प्रतिशत) और लातेहार (6.88 प्रतिशत) हैं।

जल जीवन मिशन के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कुल घरों की संख्या 59 लाख 23 हजार 320 है। इनमें से 50 लाख 10 हजार 938 घरों में नल का कनेक्शन पहुंचाया जाना बाकी है।

निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक इस योजना में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के लिए यह जरूरी होगा कि प्रतिदिन लगभग साढ़े चार हजार घरों को नल कनेक्शन से जोड़ने का काम हो।

अब तक इस योजना के तहत जितना काम हुआ है, उसके मुताबिक प्रतिदिन औसतन लगभग 1150 घरों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। राज्य में इस योजना के तहत उपलब्ध 650.15 करोड़ रुपये में से 187.64 करोड़ की राशि खर्च की जा सकी है।

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