जर्मन यहूदियों से ‘किप्पा’ नहीं पहनने का आग्रह

बर्लिन| जर्मन सरकार के यहूदियों के प्रति विद्वेष से निपटने के लिए नियुक्त आयुक्त ने यहूदियों से अपनी पारंपरिक टोपी ‘किप्पा’ को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं पहनने का आग्रह किया है।

बीबीसी की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, आयुक्त फेलिक्स क्लेन ने यहूदियों के प्रति विद्वेष बढ़ने के बीच देश के कुछ हिस्सों में किप्पा पहनने को लेकर यहूदी समाज को आगाह किया।

क्लेन ने कहा कि ‘इस मामले में उनका मत पहले की तुलना में अब बदल गया है।’

उन्होंने समाचार पत्र फन्के से शनिवार को कहा, “मैं यहूदियों को यह सलाह नहीं दूंगा कि वे जर्मनी में हर कहीं हर समय टोपी पहने रहें।”

जर्मन सरकार ने बीते साल यहूदियों के खिलाफ मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की थी।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में यहूदियों के खिलाफ 1646 घृणा अपराध अंजाम दिए गए। यह साल 2017 की तुलना में दस फीसदी अधिक था। इस दौरान जर्मनी में यहूदियों के खिलाफ प्रत्यक्ष शारीरिक हमलों में वृद्धि हुई। इनके खिलाफ 2018 में हिंसा की 62 घटनाएं हुईं जबकि 2017 में इनकी संख्या 37 थी।

क्लेन ने कहा कि देश के ‘समाज में बढ़ रही असभ्यता और किसी भी बात का लिहाज नहीं रखने की बढ़ रही प्रवृत्ति’ यहूदियों के खिलाफ तेजी से बढ़ रही भावना के पीछे एक वजह हो सकती है।

उन्होंने कहा कि इंटरनेट, सोशल मीडिया और ‘हमारी पुरानी बातों को याद रखने की संस्कृति पर लगातार हमले’ भी इसके पीछे की वजह हो सकते हैं।

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