पारंपरिक फसलों की खेती करने वाले किसानों की हमेशा शिकायत रहती है कि उन्हें अपनी फसल से उस तरह का मुनाफा नहीं हासिल हो रहा है, जिस तरह की अपेक्षा है|
इस अभियान के तहत अगले एक साल में देशभर में सभी राज्यों के 75 लाख घरों तक औषधीय पौधों(जड़ी बूटियों) का वितरण होना है. इन पौधों में तेजपत्ता, स्टीविया, अशोक, जटामांसी, गिलोय/गुडुची, अश्वगंधा, कुमारी, शतावरी, लेमनग्रास, गुग्गुलु, तुलसी, सर्पगंधा, कालमेघ, ब्राह्मी और आंवला शामिल हैं|