स्कूलों में छात्राओं की संख्या कम न हो इसके लिए भारत सरकार कई स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम चला रही है। इन कार्यक्रमों के तहत न केवल छात्रों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है बल्कि छात्राओं को घर के नजदीक स्कूल मुहैया कराने की योजना भी शुरू की गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को यह जानकारी संसद को दी।
राज्यसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए निशंक ने कहा, समग्र शिक्षा अभियान के तहत घर के नजदीक स्कूल खोले जा रहे हैं। आठवीं कक्षा तक छात्राओं को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें व यूनीफार्म दी जा रही है। इसके साथ ही छात्राओं के लिए स्कूल में अलग से शौचालय बनाए जा रहे हैं। दूर दराज के क्षेत्रों व पहाड़ी इलाकों में अध्यापकों के लिए स्कूल या उसके आसपास घर की व्यवस्था की गई है।
केंद्रीय मानव संसाशन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यसभा में कहा, समग्र शिक्षा के तहत भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों द्वारा छात्राओं के लिए शुरू की गई परियोजना को 155 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
निशंक ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि गरीब, एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं के लिए विशेष कस्तूरबा बालिका विद्यालय स्थापित किए गए हैं। गरीब छात्राओं के लिए बनाए गए ये स्कूल बच्चों को पढ़ाने के साथ उनके रहने की व्यवस्था भी करते हैं। कक्षा छह से लेकर 12 तक की छात्राओं के लिए इन स्कूलों में रिहायश की व्यवस्था की गई है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत अभी तक देश में कुल 5,930 कस्तूरबा बालिका विद्यालय स्थापित किए जा चुके हैं।
वहीं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जानकारी देते हुए निशंक ने कहा कि देश के केंद्रीय विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्थाओं के रूप में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि इन विश्विद्यालयों को मंत्रालय के साथ शिक्षा की गुणवत्ता, पाठ्यक्रम व प्रोग्राम को लेकर एक एमओयू करना होता है। निशंक ने कहा कि देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सरकार निरंतर कार्यक्रम चला रही है।
केंद्रीय मंत्री निशंक ने राज्यसभा को जानकारी देते हुए कहा, छात्र-छात्राएं अपनी स्कूली शिक्षा बीच में न छोड़ दें इसके लिए सरकार स्कूली बच्चों को छात्रवृत्ति दे रही है। इस योजना के तहत नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक लाख छात्रों को 12 हजार रुपये की छात्रवृति दी जा रही है। यह छात्रवृत्ति 10वीं से 12वीं कक्षा के बीच भी जारी रखी जाती है।