विजयवाड़ा की एक स्थानीय अदालत ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) की नजरबंदी की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह जेल में अधिक सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि घर में नजरबंद रहने के दौरान उन्हें ‘जेड-प्लस’ सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकती. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नायडू को करोड़ों रुपये के कौशल विकास निगम कथित घोटाले से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत के अंतर्गत राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में बंद हैं.
नायडू का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा के नेतृत्व में वकीलों की एक टीम ने खतरे की आशंका का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को घर में हिरासत में रखने के लिए सोमवार को एक याचिका दायर की थी. नायडू को कई साल से ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. एनएसजी के कमांडो हमेशा उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं. नायडू के वकील जयकर मट्टा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नजरबंदी का अनुरोध खारिज कर दिया गया.
घर में नजरबंद होने पर ‘जेड-प्लस’ सुरक्षा नहीं दी जाएगी
मट्टा के मुताबिक, अदालत को लगा कि घर में नजरबंद होने पर ‘जेड-प्लस’ सुरक्षा नहीं दी जाएगी, इसलिए नायडू के लिए घर में नजरबंदी के बजाय जेल में रहना ज्यादा सुरक्षित है. मट्टा के अनुसार इसके अलावा, अदालत ने कहा कि अगर नायडू को सफलतापूर्वक जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान करना संभव होता तो वह उन्हें घर में नजरबंद करने का निर्देश दे सकती थी. अदालत ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से जेल बेहतर है.
नायडू की कानूनी टीम नजरबंदी के लिए हाई कोर्ट का रुख करेगी
मट्टा ने कहा कि याचिका खारिज करने वाली एसीबी अदालत से आदेश की प्रति मिलते ही नायडू की कानूनी टीम नजरबंदी के लिए उच्च न्यायालय का रुख करेगी. वकील ने कहा कि वह आज रात या बुधवार को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं. आंध्र प्रदेश सीआईडी प्रमुख एन. संजय ने गिरफ्तारी के बाद कहा था कि नायडू को कौशल विकास निगम से संबंधित धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिससे राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.