ग्रैडफादरिंग उपबंध से एफपीआई को मिलेगी आंशिक राहत


दौलतमंद आयकरदाताओं पर सरचार्ज बढ़ाने के बजटीय प्रस्ताव से प्रभावित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को बड़ी राहत दिलाने के मकसद से सरकार एफपीआई की पूरी आय को ग्रैंडफादर यानी पुराना बनाने पर विचार कर रही है जिससे उनको नए नियम के लागू होने से पहले की उनकी आय को इससे मुक्त रखा जाए।
हालांकि यह अस्थायी उपाय है लेकिन इस बदलाव से चालू वित्त वर्ष के दौरान एफपीआई को एक अप्रैल से पांच जुलाई के दौरान अधिक कर अदा करने से मुक्ति मिलेगी क्योंकि इस दौरान दौलतमंदों की आयकर पर सरचार्ज लागू नहीं था।

सरकार ने बजट में दौलतमंदों पर सरचार्ज बढ़ाने का फैसला लिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच जुलाई को संसद में आम बजट 2019-20 पेश किया था।

हालांकि सुपरचार्ज में वृद्धि होने से एफपीआई पर कर का बोझ बढ़ गया है क्योंकि ज्यादातर एफपीआई संगठित ट्रस्ट व एसोसिएशन हैं जिन पर उसी तरह कर लागू होता है जिस पर व्यक्ति पर लागू होता है।

सूत्रों ने बताया कि सरकार विचार कर रही है कि क्या आयकर अधिनियम की धारा 119 के प्रावधान एफपीआई पर लागू हो सकते हैं जिससे उनको सुपर रिच टैक्स से आंशिक राहत प्रदान किया जा सके।

धारा 119 के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को आयकर प्राधिकरणों को आयकर अधिनियम के तहत किसी छूट, कटौती, रिफंड और किसी राहत के दाव को दावा करने की समयसीमा समाप्त होने के बाद भी अनुमति प्रदान करने अधिकार होता है।

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