‘गुरुद्वारे तो पूजा के लिए हैं’, भारतीय दूत के साथ अभद्रता मामले में बोला अमेरिकी सिख समुदाय, खालिस्‍तानियों ने की थी धक्‍का-मुक्‍की

अमेरिका स्थित एक सिख संगठन सिख फॉर अमेरिका ने खालिस्तानियों की गलत हरकत की कड़ी निंदा की है. खालिस्तानियों ने न्यूयॉर्क में एक गुरुद्वारे की यात्रा के दौरान अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ दुर्व्यवहार किया था. इसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है. सिख फॉर अमेरिका ने कहा है कि गुरुद्वारा प्रबंधन को दुर्व्यवहार करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना चाहिए ताकि श्रद्धालु “बिना किसी डर या दबाव के” प्रार्थना कर सकें.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के सिखों ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि गुरुद्वारों को व्यक्तिगत राजनीतिक विचारों से मुक्त होना चाहिए क्योंकि वे पूजा स्थल हैं. संधू रविवार (स्थानीय समय) पर लॉन्ग आइलैंड के हिक्सविले गुरुद्वारे में गुरुपर्व प्रार्थना में शामिल हुए थे. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि गुरुद्वारे में तरनजीत सिंह संधू का गर्मजोशी से स्वागत किया गया था. वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के वीडियो के अनुसार, खालिस्तानी समर्थकों के एक समूह ने तरनजीत सिंह संधू को घेर लिया और खालिस्तानी आतंकवादियों हरदीप सिंह निज्जर और गुरपतवंत सिंह पन्नू के बारे में सवाल पूछे.

राजदूत संधू गुरुद्वारा साहिब में प्रार्थना करने आए थे
इस बीच अध्यक्ष कंवलजीत सिंह सोनी ने बयान में कहा, ”राजदूत संधू गुरुद्वारा साहिब में प्रार्थना करने गए और गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधन ने उन्हें सरोपा साहिब से सम्मानित किया. उसके बाद मुट्ठी भर उपद्रवियों ने उनका अपमान करने की कोशिश की और गुरुद्वारा साहिब की शांति और पवित्रता को भंग किया. बयान में कहा गया है कि गुरुद्वारे पूजा स्थल हैं और उन्हें व्यक्तिगत राजनीतिक विचारों से मुक्त होना चाहिए.

सिख समुदाय ने की भारत के राजदूत के अपमान की कड़ी निंदा
बाद में सिख समुदाय के सदस्यों द्वारा खालिस्तानी समर्थकों को हिक्सविले गुरुद्वारे से बाहर निकाला गया. इसमें कहा गया, “हम कल (रविवार) न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड के एक गुरुद्वारे में एक सिख, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के अपमान की कड़ी निंदा करते हैं.” यह घटना 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि के बीच हुई. कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारतीय संलिप्तता का आरोप लगाए जाने के बाद हत्या के कारण दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया था. इसके बाद नई दिल्ली ने इन आरोपों को “बेतुका” बताते हुए दृढ़ता से इनकार किया है.

स्‍कॉटलैंड में भी हो चुकी है ऐसी घटना, राजनयिकों की सुरक्षा पर गंभीर है भारत
सितंबर में इसी तरह की एक घटना में, ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को स्कॉटलैंड के ग्लासगो में कट्टरपंथी ब्रिटिश सिख कार्यकर्ताओं के एक समूह ने एक गुरुद्वारे में प्रवेश से वंचित कर दिया था और उनके साथ दुर्व्यवहार किया था. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने अपने राजनयिकों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी और इस मामले को अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों के साथ उठाया था और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय करने का आह्वान किया था.

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