कोविड का असर कम होते ही टाटा मोटर्स के प्लांट में लौटे पुराने दिन, नाइट शिफ्ट में भी प्रोडक्शन शुरू

कोरोना के मामलों में कमी और बाजार में सुधार के साथ टाटा मोटर्स के जमशेदपुर स्थित प्लांट में पुराने दिन लौटने लगे हैं। तकरीबन दो साल के बाद इस महीने कंपनी में नाइट शिफ्ट बहाल कर दी गयी है।

कंपनी को मिलने वाले गाड़ियों के निर्माण के ऑर्डर में पिछले दो महीनों से खासी बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। इसे देखते हुए अस्थायी तौर पर काम करने वाले कर्मियों को भी कंपनी में वापस बुलाया गया है।

बता दें कि कोरोना काल में टाटा मोटर्स के प्रोडक्शन में खासी गिरावट आयी थी और इस वजह से कंपनी ने तकरीबन एक हजार अस्थायी कर्मियों को काम से हटा दिया था।

ऑर्डर और प्रोडक्शन में लगातार कमी और पर्याप्त मात्रा में रॉ मैटेरियल्स की आपूर्ति नहीं होने की वजह से कंपनी में ए, बी और जेनरल शिफ्ट में काम चल रहा था। 2020 के मार्च में कोविड की फस्र्ट वेब के साथ ही नाइट शिफ्ट बाधित हो गया था।

कंपनी सूत्रों के अनुसार फरवरी में 10 हजार और मार्च में 11 हजार गाड़ियों के प्रोडक्शन का ऑर्डर हासिल हुआ है। सामान्य तौर पर यहां लगभग 12 हजार गाड़ियों का प्रोडक्शन प्रतिमाह किया जा सकता है।

ऐसे में माना जा रहा है कि अब हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। गाड़ियों के ऑर्डर में तेजी के बाद लगभग तीन हजार अस्थायी कर्मियों को वापस काम पर बुला लिया गया है और प्रत्येक शिफ्ट में उत्पादन के काम में प्री-कोविड काल की तरह तेजी लायी जा रही है।

प्लांट के सेंट्रल पेंट शॉप और फैब्रिकेशन विभाग में भी काम पहले की तरह शुरू किया गया है। फरवरी में कार्य दिवस कम होने की वजह से निर्धारित लक्ष्य और ऑर्डर के हिसाब से गाड़ियों का प्रोडक्शन बड़ी चुनौती है। 2021-22 में कंपनी में इस प्लांट से 90 हजार गाड़ियों के उत्पादन का बनाने का लक्ष्य रखा था।

दस महीने में कंपनी ने 60 से 65 हजार गाड़ियों का उत्पादन किया। चालू वित्त वर्ष के बाकी बचे दो महीने फरवरी और मार्च में 25 से 30 हजार गाड़ियों का उत्पादन होने पर शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हो सकती है।

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