कोरोना वायरस संक्रमण, के चलते हुए जो मजदूर वर्ग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं अपनी रोजी-रोटी के लिए पैसा नहीं कमा पा रहे हैं|
लॉक डाउन के चलते हुए, D E F संस्था के इंटरनेट साथियों और संस्था के सदस्यों के सहयोग द्वारा लगातार लगभग 1000 लंच पैकेट का आज पांचवें दिन भी वितरण किया गया |
छतरपुर और आसपास के क्षेत्र में और आगे भी किया जायेगा |
दूसरे प्रदेश में पलायन करने से पहले इस क्षेत्र के मजदूर अपने जाने-आने और रोजी-रोटी मिलने तक का खर्च और अपने परिवार के एक-दो माह का राशन का प्रबंध करते हैं।
इसके लिए निस्संदेह ही उन्हें महाजनों से सूद पर पैसे लेना पड़ता है। इस वर्ष जो मजदूर पैसा लेकर गए, वह भी बिना कमाए वापस आ गए या महाजनों की राशि से ही रोजी-रोटी का जुगाड़ कर रहे हैं।
वहीं जो सूद की राशि लेने के बाद बाहर नहीं जा सके। वह भी महाजनों की दी राशि से ही वर्तमान में अपना पेट भर रहे हैं।
महाजनों के सूद की राशि लगातार बढ़ रही है, परंतु मजदूरों को फिलहाल न रोजगार मिलने की संभावना ही नहीं है।
ऐसे में जहां उनके सामने भुखमरी की नौबत आ गई है, वहीं दिन-प्रतिदिन दिन सूद से दबते जाने की विवशता भी बढ़ती जा रही है।
कमाकर लाते तो परिवार भी चलता और महाजन के कर्ज से भी मुक्ति मिलती। अब जाने-आने में ही महाजन से लिया पैसा समाप्त हो गया।
अब क्या करें समझ में नहीं आता। , परंतु न तो आगे रोजी मिलने की संभावना है और न ही महाजनों के कर्ज से मुक्ति की है। उनलोगों को उम्मीद है कि गरीबों के लिए कुछ-न- कुछ जरूर करेगी।
राम रूप द्विवेदी छतरपुर