विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी की बात आती है तो उन्हें लगता है कि चीजें ‘सकारात्मक दिशा’ में आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के कई चेहरे और अभिव्यक्ति होंगी और यूएनएससी ‘उनमें से एक’ होगी.
दिल्ली में ‘पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ (पीएचडीसीसीआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने उद्घाटन भाषण में जयशंकर ने कहा कि लोगों की पसंद यह है कि क्या ‘भारत की गाड़ी’ को चौथे गियर पर जाना चाहिए, पांचवें गियर पर या फिर इसे रिवर्स गियर पर जाना चाहिए.
अपने संबोधन में, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और नरेन्द्र मोदी सरकार ने कोविड-19 महामारी के समय स्थिति को कैसे संभाला. उन्होंने कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री, उस समय की सरकार ने चुनौती के बारे में ‘गंभीर, शांत दृष्टिकोण’ अपनाया. जयशंकर ने चार साल पहले शुरू हुई पूर्वी लद्दाख की स्थिति और भारत ने जिस तरह से इस पर प्रतिक्रिया दी, उसका उदाहरण भी दिया.
उन्होंने कहा कि एक बात है जो लोग अक्सर उनसे कहते हैं, “सरकारें बदलती हैं, लेकिन विदेश नीति नहीं बदलती.” उन्होंने कहा, “यह बात सभी विदेश मंत्रियों को सुननी होगी. यह ऐसा है जैसे हम गिनती नहीं करते. हम इसे ‘ऑटो-पायलट’ पर कर रहे हैं. और, मैं लोगों से कहता हूं…यह वास्तव में सच नहीं है.”