वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का एलान किए जाने के बाद घरेलू बाजार शुक्रवार को गुलजार रहा और बाजार में एक दशक बाद की सबसे बड़ी एक दिनी तेजी देखी गई। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने शुक्रवार को दिनभर के कारोबारी सत्र के दौरान निवल 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (एफपीआई) में भी भारतीय बाजार में निवेश के प्रति सकारात्मक रुझान दिखा। इससे पहले पांच सत्रों के दौरान वे जहां विकवाली कर रहे थे, वही शुक्रवार को उन्होंने भी लिवाली शुरू कर दी।
एफपीआई का निवल निवेश हालांकि महज 35.78 करोड़ रुपये रहा।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने शेयर बाजार में 3,001.32 करोड़ की लिवाली की।
आम बजट में दौलतमंद लोगों पर सरचार्ज और शेयरों के बायबैक पर कर लगाए जाने से निवेशकों का मनोबल टूट गया था और एफपीआई की विकवाली तेज हो गई। विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपने पैसे निकालने लगे थे।
हालांकि, एफपीआई पर लगाया गया सरचार्ज वापस लेने के साथ-साथ सरकार के हालिया अन्य कदम से निवशकों को बड़ी राहत मिली है।
वित्तमंत्री ने शुक्रवार को उन घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 22 फीसदी करने की घोषणा की, जो किसी प्रकार की छूट व प्रोत्साहन का दावा नहीं करती हैं।
इसके अलावा इन कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) का भुगतान करने की भी जरूरत नहीं होगी। इस प्रकार इन कंपनियों पर प्रभावी कर की दर 25.17 फीसदी होगी, जिसमें उपकर व सरचार्ज भी शामिल हैं।
वहीं, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के हाथों सिक्योरिटी व डेरिवेटिव्स की बिक्री से प्राप्त पूंजीगत लाभ पर सुपर-रिच टैक्स लागू नहीं होगा।