केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से हर घर में मासिक भोजन किट का मुफ्त वितरण किया जा रहा है। राज्य सरकार अब इस योजना को बंद करने पर विचार कर रही है। देश में लॉकडाउन के चालते अप्रैल-मई 2020 में 13 वस्तुओं की खाद्य किट का मुफ्त वितरण शुरू किया गया था।
विजयन भोजन किट के वितरण के साथ आगे बढ़े, जो कई लोगों के लिए सबसे बड़ी सहायता साबित हुई इससे लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहा है। अब तक, लगभग 12 करोड़ खाद्य किट वितरित किया जा चुका हैं और राज्य के खजाने से लगभग 5,300 करोड़ रुपये खर्च हुआ हैं।
राज्य सरकार की खराब वित्तीय स्थिति के बारे में फुसफुसाहट शुरू हो गई है, जो अब तक आमने-सामने अस्तित्व और सार्वजनिक ऋण है। राज्य सरकार का आंकड़ा चौंका देने वाला 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
हालांकि, योजना को वापस लिए जाने की अटकलों के बीच बुधवार को राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जी.आर. अनिल ने कहा कि मुफ्त भोजन किट को रोकने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
अनिल ने कहा,हां, इसके प्रति वित्तीय निहितार्थ के संबंध में कुछ मुद्दे हैं, लेकिन इसे रोकने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।