केरल के मुख्यमंत्री ने पीएससी मामले में सीबीआई जांच से इनकार किया


केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) के कामकाज की सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया। पीएससी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष ने की थी। विजयन केरल विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के लिए मांगी गई अनुमति पर जवाब दे रहे थे। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की थी।

विजयन ने कहा, “पुलिस कांस्टेबल परीक्षा रिपोर्ट के लिए की गई क्राइम ब्रांच की जांच में कहा गया है कि पीएससी परीक्षा में छेड़छाड़ के आरोपी तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच ने सही जांच की है और सरकार को लगता है कि इसमें सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है।”

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट भी मामले की सीबीआई जांच की मांग को देख रहा है और अब इस मामले में हाईकोर्ट को निर्णय लेने दें।

केरल पीएससी की विश्वसनीयता पर उस समय सवाल उठे थे, जब त्रिवेंद्रम यूनिवर्सिटी कॉलेज कैंपस में हुए एक विवाद के बाद एक छात्र को चाकू मार दिया गया था।

पीड़ित छात्र अखिल को एक समूह में शामिल युवकों ने चाकू मार दिया था, जिसके सभी सदस्य मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से संबंधित छात्र संगठन से जुड़े हुए थे।

मीडिया द्वारा इस मामले को बड़े पैमाने पर सामने लाने और सिविल सोसायटी के इसमें शामिल होने के बाद पुलिस महत्वपूर्ण सबूतों को जुटाने में लग गई। इसमें पाया गया कि पीएससी भर्ती प्रक्रिया में चीजें उचित नहीं थी। वहीं छुरा घोंपने के दो मुख्य आरोपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में शीर्ष रैंक प्राप्त करने में कामयाब रहे।

केरल कांग्रेस के नेता अनूप जैकब ने स्थगन प्रस्ताव की अनुमति की मांग की थी। उन्होंने कहा कि पीएससी की विश्वसनीयता को बहाल करने का एकमात्र तरीका सीबीआई जांच कराना है, क्योंकि आयोग लाखों युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने को एक जीवन रेखा की तरह है।

पीएससी के अध्यक्ष एम. के. साकेर ने मीडिया को बताया कि वे क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट से गुजरे हैं और उन्होंने फैसला किया है कि परीक्षा में हेरफेर करने वाले केवल तीन लोग ही थे।

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