केंद्र सरकार ने 2025-26 तक चीता परिचय परियोजना के लिए 38.70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, केंद्र सरकार ने लोकसभा को जानकारी दी।
अश्विनी कुमार चौबे, पर्यावरण, वन और जलवायु राज्य मंत्री परिवर्तन, सोमवार को संसद को सूचित किया कि वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिए चीता परिचय परियोजना के लिए ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की चल रही केंद्र प्रायोजित योजना के तहत 38.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
1952 में चीता को भारत में विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया था, वर्तमान में भारत में किसी भी राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य में कोई चीता नहीं है। स्वतंत्र भारत में विलुप्त होने वाला एकमात्र बड़ा मांसाहारी चीता है।
भारत सरकार चीतों को देश में लाने के लिए अफ्रीकी देशों के साथ परामर्श बैठकें आयोजित करने की प्रक्रिया में है। कार्य योजना के अनुसार पांच साल की अवधि में दक्षिण अफ्रीका या नामीबिया या अन्य अफ्रीकी देशों से कुल 12-14 चीतों को लाने का इरादा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीतों को जंगल में छोड़ने से पहले उपग्रह या जीएसएम-जीपीएस-वीएचएफ रेडियो-कॉलर से लैस किया जाएगा ताकि दूर से निगरानी की जा सके।