कृषि उत्पादों के निर्यात की बाधाएं जल्द ही दूर होगी : तोमर

नई दिल्ली़।केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन से कृषि उत्पादों के निर्यात में आ रही बाधाएं जल्द दूर होंगी और इस दिशा में कोशिशें की जा रही हैं।

कृषि मंत्री ने बताया कि निर्यात की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने की दिशा में केंद्र सरकार प्रयास कर रही है।
कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के प्रभावी उपाय के रूप में जारी देशव्यापी लॉकडाउन में लॉजिस्टिक्स की समस्या के चलते कृषि उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ा है। निर्यातकों ने बताया कि बहरहाल निर्यात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

भारत बासमती चावल समेत कई कई कृषि उत्पादों का प्रमुख निर्यातक है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री से जानना चाहा कि निर्यात की बाधाओं को दूर करने को लेकर सरकार द्वारा क्या कदम उपाय किए जा रहे हैं।

इसपर तोमर ने से खास बातचीत से कहा, “आज सभी एक्सपोर्टर से हमारे विभाग के अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की है और निर्यात सुचारू ढंग से इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।

मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, तोमर के निर्देशों के बाद कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कृषि एवं संबद्ध वस्तुओं के निर्यातकों से बातचीत कर उनके सामने आ रही समस्याओं की जानकारी ली, ताकि कोविद-19 संकट में बरकरार रहने में उनकी मदद करने के लिए उनकी समस्याओं के शीघ्र निवारण के लिए सार्थक हस्तक्षेप करके आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग में फल, सब्जियां, बासमती और गैर-बासमती चावल, बीज, फूल, पौधे, जैविक उत्पाद, कृषि उपकरण एवं मशीनरी जैसी कृषि वस्तुओं के उत्पादकों और निर्यातकों के संगठनों के प्रतिनिधियों और निर्यातकों ने हिस्सा लिया।

कृषि मंत्रालय ने बताया कि निर्यातकों ने मुख्य रूप से मजदूरों की कमी, अंतरराज्यीय परिवहन में रुकावट, कच्चे माल की कमी, फाइटो-सेनिटरी प्रमाणन, कूरियर सेवाओं के बंद होने के कारण शिपिंग दस्तावेजों की आवाजाही में बाधा, माल सेवाओं की उपलब्धता की समस्या, बंदरगाहों और याडरें तक पहुंच की दिक्कतों समेत आयात व निर्यात के लिए माल निकासी की मंजूरी में आ रही समस्याओं का जिक्र किया।

केंदरीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानी एपीडा के एक अधिकारी ने भी बताया कि लॉजिस्टिक्स की समस्या के चलते खाद्य उत्पादों का निर्यात बाधित है।

अग्रवाल ने कृषि उत्पादों के निर्यातकों को उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में प्रयास करने का भरोसा दिलाया।
गौरतलब है कि बासमती चावल, फल, सब्जी समेत कई कृषि उत्पादों का भारत प्रमुख निर्यात है और देश का कृषि और संबद्ध निर्यात 2018-19 के दौरान 2.73 लाख करोड़ रुपये का था।

कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर तीन मई 2020 तक करने का एलान किया।
लिहाजा, लॉकडाउन के दौरान कृषि उत्पादों का निर्यात को लेकर न सिर्फ निर्यातक बल्कि किसानों की भी चिंता बढ़ी हुई है, लेकिन निर्यात होने पर उन्हें उनकी फसलों का उचित व लाभकारी दाम मिल पाएगा।

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