कृषि अध्यादेशों के मुद्दे पर किसानों को गुमराह कर रही कांग्रेस : केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली, — केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने  कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर कृषि क्षेत्र में सुधार को लेकर लाए गए अध्यादेशों को मुद्दा बनाकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश का आरोप लगाया।

कैलाश चौधरी ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में किसान दिवालियापन की ओर बढ़ रहा है तथा विकास में पिछड़ रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान में कांग्रेस किसानों का पूरा कर्ज माफ करने और बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने के वादे पूरे नहीं कर पाई है

चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले किसानहित और राष्ट्रहित में तीन अध्यादेशों को मंजूरी दी थी, जिनमें किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर समझौता अध्यादेश तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश शामिल हैं

उन्होंने कहा कि किसानों को अब तक अपनी मर्जी से खुद तय किए गए दामों पर बेचने की स्वतंत्रता नहीं थी। उन्होंने कहा, किसानों को मंडी में जाना पड़ता था और लाइसेंस धारक उनकी फसलें खरीदते थे और वे उनकी उपज का दाम तय करते थे।

कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान अब अपनी उपज कहीं से भी बेच सकते हैं, चाहे घर हो, खेत हो, वेयरहाउस हो या शीतगृह हो। मंडी के बाहर बेचे जाने वाले कृषि उत्पादों की खरीद और बिक्री पर कोई कर नहीं है।

उन्होंने कहा, कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हो जाएगा। मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि सरकार ने ऐसा कहां कहा है। सिर्फ कल्पना के आधार पर भ्रम फैलाना ठीक नहीं है।

केंद्र सरकार न तो मंडी खत्म करेगी और न एमएसपी। हम लोग सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। उनके लिए मार्केट को बड़ा कर रहे हैं।

किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर समझौता अध्यादेश के संबंध में चौधरी ने कहा कि इस अध्यादेश की वजह से किसान प्रत्यक्ष रूप से विपणन से जुड़ सकेंगे, जिससे बिचैलियों की भूमिका खत्म होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा।

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