सरकार की ओर से वार्ता प्रस्ताव के बाद भी 6 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन थमता नहीं दिख रहा है। एक तरफ पंजाब के खेल जगत के नामी सितारे किसानों के समर्थन में आ गए हैं तो दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा से और किसान दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं।
किसानों द्वारा जाम की गई दिल्ली की सड़कों पर किसानों की तादाद बढ़ने वाली है, जिससे दिल्ली के लोगों की मुसीबतें भी बढ़ जाएंगी। दरअसल, पंजाब और हरियाणा की पंचायतों की अपील पर सैकड़ों किसान लोगों से राशन, दवाइयां और जरूरत के अन्य सामान इकट्ठा कर रहे हैं। इन सामानों को ट्रैक्टरों पर लादा जा रहा है जो बुधवार से दिल्ली के लिए रवाना होने शुरू होंगे।
गौरतलब है कि पंचायतों ने अपील की है कि किसानों के हर एक परिवार से कम से कम एक सदस्य दिल्ली भेजा जाए ताकि प्रदर्शनकारी किसानों का हौसला बढ़ाया जा सके। उधर दिल्ली की सीमा पर जैसे-जैसे फोर्स बढ़ रही है किसान संगठन अलर्ट हो गए हैं। प्रदर्शन को तेज करने के लिए किसान अब और ज्यादा प्रदर्शनकारियों को जुटाने की कोशिश में हैं।
पंजाब के कई नामी खिलाड़ियों ने किसानों के समर्थन में बिगुल फूंक दिया है। जालंधर के दर्जन भर सम्मानित और सीनियर खिलाड़ियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 5 दिनों के भीतर कृषि कानून रद्द नहीं किए गए तो वह विरोध स्वरूप अपने मेडल और सम्मान वापस कर देंगे।
किसानों का मानना है कि केंद्र सरकार ने बिचौलियों का अस्तित्व मिटाने की कोशिश की है जिससे किसान बुरी तरह से प्रभावित होंगे क्योंकि उनके व्यवसाय की आर्थिक तरलता (लिक्विडिटी) इन आढ़तियों या बिचौलियों पर निर्भर करती है।
गौरतलब है कि किसान फसल कटने तक अपना खर्चा चलाने के लिए आढ़तियों से कर्ज लेते हैं जो आसानी से मिल जाता है. बिचौलियों की तुलना में सरकारी बैंक कर्ज देने में आनाकानी करते हैं।
मंगलवार से हड़ताल पर गए हरियाणा के आढ़तियों का मानना है कि अगर केंद्र के 3 नए कानून अस्तित्व में आते हैं तो न केवल बिचौलिए बल्कि उनके साथ करने काम करने वाले सैकड़ों मुनीम और दूसरे लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे।
हरियाणा आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष दुनीचंद का मानना है कि किसानों का प्रदर्शन सिर्फ किसानों के भविष्य से ही नहीं बल्कि मंडियों में काम करने वाले दूसरे लोगों से भी जुड़ा है.