महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और एनसीपी के बीच गठबंधन का फॉर्मूला तय हो गया है. दोनों पार्टियां 125-125 सीटों पर लड़ेंगीं. छोटी पार्टियों के लिए 38 सीटें छोड़ी गई हैं. महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने क्विंट को बताया कि सीटों के बंटवारे का ऐलान जल्द कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां मिलकर शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगीं.
2014 में अलग-अलग लड़ी थीं कांग्रेस और एनसीपी
2014 में कांग्रेस और एनसीपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और इसका दोनों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन इस बार इस हश्र से बचने के लिए कांग्रेस-एनसीपी ने साथ मिल कर लड़ने का फैसला किया है. 9 सितंबर को एनसीपी चीफ शरद पवार ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.
इस दौरान विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत हुई. माना जा रहा है कि दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे के सवाल पर इस मुलाकात में मुहर लग गई थी.कुछ दिन पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.
एनसीपी और कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में हो चुके हैं शामिल
हाल में एनसीपी के कई नेताओं के बीजेपी में शामिल हो जाने की वजह से पार्टी को करारा झटका लगा है. पवार ने बीजेपी पर पार्टी तोड़ने का भी आरोप लगाया था.ऐसे हालात में एनसीपी के लिए कांग्रेस से गठबंधन काफी मददगार हो सकता है. कांग्रेस-एनसीपी का गठबंधन बीजेपी और शिवसेना के बीच होने वाले गठबंधन को कड़ी टक्कर दे सकता है. हालांकि एनसीपी और कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ आने से बीजेपी के हौसले काफी बुलंद हैं.
2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना भी अलग-अलग लड़े थे. 288 विधानसभा सीटों में से बीजेपी सबसे अधिक 27.8 फीसदी वोट के साथ 122 सीटें जीतने में कामयाब रही. शिवसेना ने 19.3 फीसदी वोट के साथ 63 सीटें जीती थीं.