कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व में तीन चरणों में होने वाला राष्ट्रीय बाघ अनुमान (गणना) शुरू हो गया।
यह राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक के चामराजनगर जिले में 868.63 किलोमीटर में फैला हुआ है।
रविवार (23 जनवरी) से नागरहोल टाइगर रिजर्व में और 27 जनवरी से बिलिगिरि रंगनाथस्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना शुरू होगी।
बाघों की गणना के मद्देनजर 23 से 25 जनवरी और 27 जनवरी से 1 फरवरी के बीच सुबह 6 बजे की सफारी रद्द कर दी गई है।
बाघों की गणना के अलावा हाथी, गौर और अन्य जानवरों सहित विभिन्न शाकाहारी जीवों पर डेटा संग्रह किया जाना है।
इस साल गणना रिपोर्ट को एक एप पर अपलोड किया जाएगा, जो एक सॉफ्टवेयर-आधारित निगरानी प्रणाली है। इसे बाघों की निगरानी और गश्त के उद्देश्य से देशभर के बाघ अभयारण्यों में पेश किया गया है।
वन रक्षकों को व्यक्तिगत डिजिटल सहायकों और जीपीएस उपकरणों से लैस किया गया है, ताकि बाघों के देखे जाने, मृत्यु, वन्यजीव अपराध और पारिस्थितिक पर्यवेक्षण के संबंध में डेटा प्राप्त किया जा सके। कर्मचारियों को भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षित किया है।
यह पांचवां राष्ट्रीय बाघ अनुमान (गणना) है। यह प्रक्रिया चार साल में एक बार आयोजित की जाती है। साल 2018 की गणना में बांदीपुर में 173 बाघ और बिलिगिरि रंगनाथ स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व में 52 से 80 बाघ और नागलहोल में 125 बाघ पाए गए।
बांदीपुर में बाघों की गणना 8 फरवरी को समाप्त होगी। गणना 112 बीटों में की जाएगी और इसके लिए उद्यान को तीन ब्लॉकों में बांटा गया है।