कक्षा एक के लिए जारी नहीं हुई केंद्रीय विद्यालय की लॉटरी, अगले आदेश का इंतजार

उम्र विवाद और एक के बाद एक नए नियम आने के कारण केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 1 के दाखिले हेतु लॉटरी नहीं निकाली जा सकी है। केवीएस द्वारा इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन का कहना है कि लॉटरी की नई तिथि जल्द जारी की जाएगी।

इसके बाद सभी केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। पहले 18 अप्रैल को यह लॉटरी निकाली जानी थी। केंद्रीय विद्यालय संगठन का कहना है कि अगले आदेश तक लॉटरी निकालने की प्रक्रिया को स्थगित किया गया है।

केवीएस का कहना है कि लॉटरी जल्द निकालने की दिशा में काम किया जा रहा है व इस संबंध में जल्द ही नया आदेश जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कक्षा 1 में दाखिले के लिए न्यूनतम आयु बढ़ाकर छह वर्ष कर दी है। पहले न्यूनतम आयु पांच वर्ष थी।

मौजूदा दाखिला प्रक्रिया के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय के विभिन्न स्कूलों हेतु 11वीं को छोड़कर सभी कक्षा में दाखिले किए जा रहे हैं। कक्षा 1 के अतिरिक्त अन्य कक्षाओं में दाखिले संबंधित स्कूल द्वारा इन कक्षाओं में खाली सीटें दर्शाए जाने के आधार पर ही किए जाएंगे। केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा दूसरी से लेकर नौवीं कक्षा तक की कक्षाओं में दाखिला प्रक्रिया की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है।

गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए सांसदों को मिलने वाला 10 सीटों का कोटा समाप्त कर दिया गया है। सांसदों के अलावा अन्य सभी प्रकार का कोटा भी केंद्रीय विद्यालय में अमान्य कर दिया गया है। केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला दिलाने के लिए सांसदों को यह कोटा मिलता था। सांसद अपने निर्धारित कोटे के आधार पर अपने क्षेत्र में छात्रों के दाखिले की सिफारिश करते थे। सांसदों की सिफारिश के आधार पर अधिकतम 10 छात्रों को दाखिला दिया जा सकता था। हालांकि अब यह प्रावधान खत्म कर दिया गया है।

केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटे के अतिरिक्त केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर भी 450 विद्यार्थियों को दाखिला देने की व्यवस्था थी। हालांकि शिक्षा मंत्रालय को दिए जाने वाला यह 450 सीटों का कोटा बीते वर्ष ही पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया।

सांसद कोटे के विषय पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि क्या हम अपने अधिकार का प्रयोग कुछ चंद लोगों के लिये करेंगे या फिर सांसद के तौर पर हम सभी के लिये समान काम करेंगे।

अब तक सांसद कोटे से 7,500 दाखिले होते रहे। इस बीच इस बार केंद्रीय विद्यालय संगठन ने फैसला किया है कि केवीएस में उन छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। इस वर्ष कक्षा एक से बारहवीं तक किसी भी कक्षा के लिए सभी केन्द्रीय विद्यालय में इस नियम का पालन किया जाएगा।

बीते वर्ष देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कोटा समाप्त करने का निर्णय किया गया था और अब सांसदों का कोटा खत्म कर दिया गया है। यह फैसला केंद्र सरकार ने लिया है। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा भी कई सांसदों को यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि सांसद कोटा के तहत दाखिले हेतु सिफारिश न भेजें।

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