ओवैसी ने सीएए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी


नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को संसद से मंजूरी मिलने और कानून बन जाने पर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विपक्षी पार्टियों से लेकर छात्र भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने सीएए व एनआरसी के बीच सांठगांठ की बात भी कही। ओवैसी के अनुसार, एनआरसी का उद्देश्य भारत में रहने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करना है।

उन्होंने शीर्ष अदालत से सीएए-एनआरसी सांठगांठ से पर्दा उठाने का आग्रह किया, जो संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत हर व्यक्ति को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में बाधा बन सकता है।

वकील निजाम पाशा के जरिए दायर याचिका में कहा गया है, “यहां तक कि एक अवैध प्रवासी को भी कानून द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं के अलावा उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करने का अधिकार नहीं है।”

एनआरसी पर हमला करते हुए ओवैसी ने याचिका के जरिए दलील दी कि एनआरसी, जो असम में है, इसे देश के बाकी हिस्सों में भी लाने की बात कही जा रही है, जिसका नतीजा यह होगा कि सदियों से यहां रह रहे व्यक्तियों की भी पहचान अवैध प्रवासियों के रूप में होगी।

इस याचिका के अलावा अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए एक दर्जन से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं।

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