ओला, उबर के लिए कानून बनाए केंद्र : सर्वोच्च न्यायालय


सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को ओला और उबर जैसे मोबाइल एप आधारित टैक्सी सेवा पर नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार को कानून बनाने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता निपुण सक्सेना को परिवहन मंत्रालय के समक्ष इसका प्रजेंटेशन देने और इस एप आधारित सेवा पर कानून की सलाह देने के लिए कहा है।

अदालत का यह आदेश तब आया है, जब याचिकाकर्ता ने उसे बताया कि इन सेवा प्रदाताओं पर नियंत्रण के लिए कोई कानून नहीं है।

याचिकाकर्ता ने अदालत को यह भी बताया कि केंद्र ने एक क्राइसिस सेंटर चलाने के लिए दिशानिर्देश और मानक तय किए हैं, लेकिन राज्य सरकारें अनुपालन नहीं कर रही हैं।

इसलिए अदालत ने महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा से निपटने के लिए प्रत्येक जिले में वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर का आवाह्न किया।

क्राइसिस सेंटर एक समुदाय आधारित संगठन है, जो यौन हिंसा के पीड़ितों को काउंसलिंग और अन्य सुविधाओं के जरिए उनकी सहायता करता है।

निपुण सक्सेना ने दिल्ली में 2012 में हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद याचिका दायर की थी।

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