एफडीए ने कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी डोज को मंजूरी दी

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने एली लिली कंपनी के मोनोक्लोनल एंटीबॉडी डोज को आपातकालीन स्थितियों में कोविड के खिलाफ इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है।

इस एंटीबॉडी का नाम बेबटेलोविमैब है और यह कोरोना के उत्परिवर्तित रूप ओमिक्रोन के खिलाफ भी कारगर है।

इसे मरीजों को इंजेक्शन के जरिए नसों में दिया जा सकता है और इसका एक बार दिया जाने वाला डोज 175 मिलीग्राम है। यह इम्युनोग्लोबिन जी1 प्रकार की एंटीबॉडी है जो कोविड विषाणु के स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर से जुड़ जाती है।

एफडीए ने युवाओं और बाल रोगियों (12 वर्ष और अधिक तथा कम से कम 40 किलोग्राम वजन वाले) में हल्के से मध्यम लक्षणों वाले कोविड के उपचार के लिए बेबटेलोविमैब के उपयोग को मंजूरी दी है। ये वह मरीज हैं जो बीमारी के लिहाज से उच्च जोखिम में है और जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इसका उपयोग उन मरीजो के लिए भी किया जा सकता है जिन पर एफडीए द्वारा अनुमोदित या वैकल्पिक कोविड उपचार चिकित्सकीय रूप से उपयुक्त नहीं हैं।
यह एंटीबॉडी अत्यधिक संक्रामक और वैक्सीन से बचने वाले ओमिक्रोन वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी पाई गई है।

इससे तीन हफ्ते पहले एफडीए ने लिली के बामलानिविमैब और एटेसेविमैब एंटीबॉडी कॉकटेल को प्रतिबंधित कर दिया गया था क्योंकि वह ओमिक्रोन के खिलाफ अप्रभावी पाई गई थी । उसी दौरान रीजेनरॉन की एंटीबॉडी, रिजेन-कोव पर भी रोक लगा दी गई थी।

इसके प्रामाणिक परीक्षणों ने साबित कर दिया है कि यह ओमिक्रोन के खिलाफ पूरी तरह से कारगर है। इसके अलावा यह कोरोना के अन्य गंभीर वेरिएंट जिसमें बीए.2 भी शामिल है, के खिलाफ भी प्रभावी पाई गई है।

लिली शोध प्रयोगशालाओं के प्रमुख और मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डेनियल स्कोव्रोन्स्की ने कहा, ओमिक्रोन जैसे वेरिएंट के उभरने के साथ, उपचार के विकल्प सीमित हैं। कंपनी ने मरीजों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए एफडीए अनुमोदित बेबटेलोविमैब उन लोगों के लिए बनाई है जो अस्पताल में भर्ती होने के बाद अन्य जोखिम में है।

इस बीच, अमेरिकी सरकार ने बेबेटेलोविमैब की 600,000 डोज के लिए लिली के साथ 72 करोड़ डालर के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

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