विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसुस ने 3 मार्च को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नोवेल कोरोना वायरस निमोनिया के प्रति विश्व स्वास्थ्य संगठन की समझ गहन हो रही है। और पता लगा कि एनसीपी व मौसमी फ्लू के बीच चार फ़र्क होते हैं।
पहले, मौजूदा आंकड़ों से यह जाहिर हुआ है कि एनसीपी फैलने की क्षमता मौसमी फ्लू से कम है। टेड्रोस ने कहा कि स्पर्शोन्मुख संक्रमित व्यक्ति फ्लू वायरस का मुख्य संचारक है। पर एनसीपी की स्थिति ऐसी नहीं है। चीन से मिले सबूतों के अनुसार केवल 1 प्रतिशत पुष्ट मामले स्पर्शोन्मुख हैं। और उन मामलों में अधिकतर लोग दो दिनों के अंतर रोगसूचक होंगे।
दूसरे, मौसमी फ्लू की अपेक्षा एनसीपी के लक्षण और गंभीर हैं। टेड्रोस ने कहा कि वर्तमान में विश्व में एनसीपी से ग्रस्त रोगियों की मृत्यु दर लगभग 3.4 प्रतिशत है, पर मौसमी फ्लू से पैदा मृत्यु दर केवल 1 प्रतिशत से कम है।
तीसरे, अभी तक एनसीपी के प्रति कोई टीका या विशेष चिकित्सा तरीका प्राप्त नहीं है। टेड्रोस ने कहा कि हाल ही में एनसीपी के प्रति 20 से अधिक टीकों का अध्ययन किया जा रहा है। और कुछ चिकित्सा तरीके भी नैदानिक परीक्षण में हैं।
चौथे, मौसमी फ्लू को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। लेकिन एनसीपी महामारी का नियंत्रण किया जा सकता है। टेड्रोस ने कहा कि मौसमी फ्लू के प्रति घनिष्ठ संपर्क रखने वालों की निगरानी की आवश्यकता नहीं है। लेकिन एनसीपी के घनिष्ठ संपर्क रखने वालों की निगरानी से हम महामारी की रोकथाम कर सकते हैं और लोगों की जान बचा सकते हैं।
टेड्रोस ने बल देकर कहा कि क्योंकि एनसीपी महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिये विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विभन्न देशों से व्यापक रूप से कदम उठाने की अपील की।