एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की स्थापना करेगा पंजाब

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के डीजीपी वी. के. भवरा को एक एडीजीपी-रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एक एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की स्थापना करने का निर्देश दिया।

सीएम मान ने राज्य भर में सक्रिय गैंगस्टर के नेटवर्क का सफाया करने के लिए यह फैसला लिया है, ताकि नागरिकों में सुरक्षा की भावना पैदा की जा सके।

एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मान ने संगठित अपराध के उन्मूलन की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस तंत्र में लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है

पंजाब में हाल के दिनों में कबड्डी मैचों के दौरान प्रसिद्ध खिलाड़ियों की हत्या, राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच रंजिश के चलते हत्या की घटनाएं और गैंगवार के कई मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही पंजाब में नशीले पदार्थों का व्यापार भी लंबे समय से चलन में रहा है।

इस नापाक गठजोड़ को तोड़ने के लिए पुलिस बल को पर्याप्त धन के अलावा सभी आवश्यक जनशक्ति, नवीनतम उपकरण और सूचना प्रौद्योगिकी का आश्वासन दिया गया है।

आगे की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एजीटीएफ के पास देश में इसी तरह की विशेष इकाइयों की तर्ज पर खुफिया जानकारी का संग्रह, संचालन और एफआईआर के पंजीकरण, जांच और अभियोजन का एकीकृत संग्रह होगा।

पुलिस आयुक्तों और एसएसपी को संगठित अपराधों के खिलाफ समन्वित प्रयास करने का निर्देश देते हुए मान ने कहा कि संगठित अपराध पर राज्यव्यापी अधिकार क्षेत्र वाले नए पुलिस थानों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा, ताकि गैंगस्टरों द्वारा लोगों के मन में फैलाए गए आतंक और डर को दूर किया जा सके।

मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने जेल विभाग को विभिन्न जेलों में बंद गैंगस्टरों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है और इस संबंध में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

संगरूर जिले में अपराध दर में भारी कमी लाने के लिए अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए, मान ने कहा कि एक सांसद के रूप में, उन्होंने अपने एमपी-लैड फंड से जिले के प्रमुख शहरों में स्थानीय पुलिस स्टेशनों से जुड़े वाई-फाई सीसीटीवी कैमरे लगाने की पहल की है।
मान ने कहा, इस परियोजना के तहत मामूली लागत पर उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरे लगा

ए गए थे, जिससे चौबीसों घंटे निगरानी की जा सकती है और आम जनता में सुरक्षा की भावना पैदा हुई है।
प्रतिदिन घातक सड़क हादसों में कई कीमती जानें जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मान ने कहा कि इन हादसों में 5,500 से अधिक लोगों की जान चली जाती है, इसके अलावा लगभग 1.5 लाख लोग इस वजह से घायल होते हैं।

उन्होंने डीजीपी को सड़क पर गश्त करने वाली पुलिस की एक अलग शाखा बनाने के लिए एक व्यापक प्रस्ताव लाने के लिए कहा, जो ट्रैफिक जाम को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए समर्पित हो। इसके साथ ही दुर्घटना पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है, ताकि मानव जीवन को बचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध टीवी हस्ती जसपाल भट्टी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद 136 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई थी, लेकिन दुर्भाग्य से जमीनी स्तर पर कुछ भी ठोस नहीं किया गया।
उन्होंने हर पुलिस वाहन में एक प्राथमिक चिकित्सा किट रखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि सड़क पर किसी भी घायल को चिकित्सा सहायता दी जा सके।

मान ने फील्ड और मुख्यालय में तैनात सभी पुलिस अधिकारियों को अनुशासन बनाए रखने के लिए भी कहा ताकि लोगों का विश्वास जीता जा सके।
उन्होंने कहा कि ये चीजें अंतत: पुलिस बल को अपनी छवि सुधारने में मदद करेंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए, डीजीपी भवरा ने उन्हें आश्वासन दिया कि पूरा पुलिस बल आम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा, ईमानदारी और पेशेवर प्रतिबद्धता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करेगा।

विशेष रूप से साइबर अपराधों के मद्देनजर कानून व्यवस्था की उभरती चुनौतियों का सामना करने को लेकर विशेष डीजीपी (इंटेलिजेंस) प्रबोध कुमार द्वारा पुलिस विभाग की विभिन्न मांगों का उल्लेख करने के बाद, मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने बताया कि पहले से ही इस दिशा में काम किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने डीजीपी को पूरा प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजने को कहा, ताकि राज्य के वार्षिक बजट में अपेक्षित बजट आवंटन किया जा सके।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *