उम्मीद है, पाकिस्तान 20 डॉलर शुल्क को समाप्त कर देगा : अमरिंदर सिंह


पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि पाकिस्तान अंतत: श्री करतारपुर साहिब जाने के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों से 20 डॉलर का शुल्क नहीं लेगा। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सिख भावना और परंपरा को समझेगा, जो इस समुदाय को गुरुद्वारों और मंदिरों में जाने के लिए भुगतान करने से रोकती है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष भावना के प्रति सम्मान दिखाते हुए बादशाह अकबर ने भी गैर-मुसलमानों पर जजिया कर समाप्त कर दिया था। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से सिख तीर्थयात्रियों की भावनाओं के मद्देनजर 20 डॉलर के शुल्क पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने इस शुल्क और हज यात्रियों से सऊदी अरब द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क में कोई तुलना नहीं पाई और इसकी वजह उन्होंने सिख परंपरा को बताया जो गुरुद्वारों, मंदिरों में जाने के लिए भुगतान से रोकती है।

यहां मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया। इसके तहत प्रतिदिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक 5,000 श्रद्धालुओं को समूहों में या व्यक्तिगत रूप से पाकिस्तान के ऐतिहासिक करतारपुर गुरुद्वारा जाने की अनुमति होगी।

इस दौरान श्रद्धालुओं को पहचान पत्र के रूप में केवल पासपोर्ट की आवश्यकता होगी। इस यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरआई और ओसीआई कार्डधारकों को भी गलियारे के माध्यम से गुरुद्वारे की यात्रा करने की अनुमति होगी। यहां तीर्थयात्री पैदल भी यात्रा कर सकते हैं।

अमरिंदर सिंह ने दोहराया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी के साथ कॉरिडोर से यात्रा करने वाले पहले जत्थे के रूप में व्यक्तिगत रूप से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

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